गुणयोग!
गुणयोग Virtues (conscious or unconscious) causing the formation of matters. अचित्त या सचित् गुण जिनसे पुद्गल आदि द्रव्यों का योग होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुणयोग Virtues (conscious or unconscious) causing the formation of matters. अचित्त या सचित् गुण जिनसे पुद्गल आदि द्रव्यों का योग होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंदर (कूट) : Name of summits situated at Kundalvar. Ruchakvar & Sumeru mountains. कुंडलवर, रुचकवर व सुमेरु पर्वत पर स्थित कूटों का नाम “
देवदर्शन Paying reverence to Lord- Arihant with proper procedure. जिनेन्द्र भगवान का विधिपूर्वक दर्शन करना, जिससे करोड़ों उपवास का फल प्राप्त होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजाति – Vijaati.: Unsimilar or different caste. भिन्न प्रकार या असमान जाति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सद्वेद्य – Sadvedya. Karmas causing pleasure. साता वेदनीय कर्म।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धात्मज्ञान – SShuddhaatmagyaana. Right knowledge of pure soul, A synonym word for Mokshmarg (path of salvation). शुद्ध आत्मा का ज्ञान होना, मोक्षमार्ग या निर्विकल्प समाधि का एक अपरनाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंगल (ज्योतिषलोक): Name of space vehicle, Name of the 83rd planet. मध्य लोक से 897 योजन ऊपर जाकर ज्योतिष लोक में स्थित एक विमान, ज्योतिष के 88 ग्रहों में 83वां ग्रह “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसकर्म – मंत्र – तंत्र आदि के द्वारा रस आदि की सिद्धि करना। Rasakarma- Mystical activity
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विग्रहगति – Vigrahagati.: Transmigratory motion of a soul. एक शरीर को छोड़कर नवीन शरीर ग्रहण करने को जीव जो गमन करता है वह विग्रहगति है “यह दो प्रकार की होती है (1) मोड़े रहित (2) मोड़े सहित अर्थात कुटिल “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगवक्रता – मन वचन काय की कुटिलता। Yogavakrata-Crookedness in activities of mind, speech & body