उपयोग (शुभ)!
उपयोग (शुभ) Gracious attention. दया दान पूजा व्रत शील आदि रुप रागरुप परिणाम होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपयोग (शुभ) Gracious attention. दया दान पूजा व्रत शील आदि रुप रागरुप परिणाम होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रचुरसंख्यक – Prachura Samkhyaka. Abundant in numbers. अधिक संख्या में “
उपाध्याय जिन्हें ग्यारह अंग और चौदह पूर्वों का या उस समय के सभी प्रमुख शास्त्रों का ज्ञान है मुनि संघ में साधुओं को पढ़ाते हें, वे उपाध्याय [[परमेष्ठी]] कहलाते हैं। [[श्रेणी:शब्दकोष]] या Preceptor, Scriptural teacher . रत्नत्रय से संयुक्त जिनकथित पदार्थों के शूरवीर उपदेशक और निःकांक्ष भाव सहित ऐसे मुनिराज।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपपादसभा Hall of genesis (origin) . कल्पवासी देवों के चैत्यालय में सुधर्मा सभा के ईशान दिशा में उपपाद सभा है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दिवस पृथ्क्त्व A duration of three to nine days. 3 से 9 दिन के बीच के दिवस। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उपकार Beneficence, favour, Kindness. भला उपग्रह धर्म द्रव्य गतिरूप से तथा अधर्मद्रव्य स्थिति रूप से जीव और पुद्गल का उपकार करते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इष्ट वियोग Separation from the desired one. इष्ट व प्रिय चेतन-अचेतन पदार्थ का बिछुड जाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गंभीर शासन Another name of Jain Shasan. अपर विदेह स्थित एक विभंगा नदी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]