छाया-संक्रामिणी!
छाया-संक्रामिणी A type of super knowledge. एक प्रकार की विद्या ; भगवान ऋषभदेव की भक्ति द्वारा नमि-विनमि को प्राप्त विद्या ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
छाया-संक्रामिणी A type of super knowledge. एक प्रकार की विद्या ; भगवान ऋषभदेव की भक्ति द्वारा नमि-विनमि को प्राप्त विद्या ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वसाधु – Sarvasaadhu. Great Digambar Jain saints involved in spirituality. रत्नत्रय साधना में रत ढाई द्वीप संबंधी समस्त दिगम्बर जैन साधु । णमोकार मंत्र के पाॅंचवे पद में इन समस्त साधुओ को नमस्कार किया गया है।
णमोंकार धाम Name of a newly built place of pilgrimage situated at Sanavad (M.P.) and constructed on the inspiration of Ganini Shri Gyanmati Mataji. इंदौर (मण्प्रण्) के निकट सनावद में सन् 1996 में गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से एंव क्षुल्लक श्री मोती सागर जी की भावनानुसार उनके ससंघ सानिघ्य में इस तीर्थ…
छिन्नगति A type of motion (reg. pervaded sound wave). गति का एक भेद ; मृदंग मेरी शंखादि के शब्द जो दूर तक जात्ये हैं , वे पुद्गलों की छिन्नगति हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वविद्याविराजिता – Sarvavidhyaaviraajitaa. See- Sarvavidyaaprakashinee. देखे – सर्वविद्याप्रकर्षिणी ।
गणधरवलय विधान Name of a worshipping composition composed by Ganini Shri Gyanmati Mataji. ‘णमो जीनाणं’ आदि गणधरवलय मन्त्रों पर आधारित पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा लिखित एक पूजन विधान ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चौइंद्रिय Four sensesd beings (reg. tasting, touching, smelling, seeing). स्पर्श , रसना , घ्राण , चक्षु इन्द्रिय वाले जीव चौइंद्रिय कहलाते हैं . कर्णइन्द्रिय , मन को छोड़कर इनके ८ प्राण होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वदोष त्याग – Sarvadosa Tyaaga. A great vow, complete renunciation of all 5 sins (violence, stealing etc.). महाव्रत। हिंसादि 5 पापों का पूर्णतः त्याग करना, इसका पालन मुनि करते है।
उद्वर्तन Rising up (from lower living state). नरकगति व भवनत्रिकदेवगति से निकलना एंव उद्धार होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्पगुप्त – Sarvagupta. The spiritual teacher or Acharya Shivkoti name of the 26th chief disciple of Lord Rishbhdev, Name of the spiritual teacher of Acharya Mitranandi and an omniscient saint. भगवान आराधना के रचयिता आचार्य शिवकोटी के गुरु थे। समय ई.श. 1 का पूर्वपाद, भगवान वृषभदेव के 26 वें गणधर। आचार्य मित्रनंदि के गुरु।…