यथानुपूर्व!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथानुपूर्व–Yathanupurv. A synonym word of Shrutgyan (scriptural knowledge). श्रुतज्ञान का एक पर्यायवाची नाम”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथानुपूर्व–Yathanupurv. A synonym word of Shrutgyan (scriptural knowledge). श्रुतज्ञान का एक पर्यायवाची नाम”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राच्य- पूर्व दिषा। प्रत्येक षुभ कार्य में प्राची दिषा की प्रधानता होती है। Pracya- east direction (to have importance)
तुषमाषभिन्नत् Distinction between body and soul. छिलके और उड़द की तरह शरीर और आत्मा भी भिन्न है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
झारी A pitcher having a long neck & a spout, to be kept near the idol of Lord Jinendra. जिनेन्द्र देव की प्रतिमाओं के समीप वि?मान रहने वाले अष्ट मंगल द्रव्यों में से एक, इस झारी से भगवाना का अभिषेक भी किया जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहिरंग शुद्धि- शरीर और वचनों से दोा मुक्त होना। Bahiranga suddhi- External purity (reg. body & speech)
तीन Three (three jewels of Jain philosophy etc.). एक संख्या , तीन लोक , तीन चैबीसी , रत्नत्रय (तीन रत्न), तीन अज्ञान इत्यादि । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आह्लाद Cheer, Joy, Exultation, Merriment.सुख, खुशी, हर्ष, प्रसन्नता।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तिर्यक् चतुष्टकय A quartet related to subhuman beings (Tiryanch). तिर्यच गति, तिर्यचगत्यानुपूर्वी, तिर्यचआयु, उद्योत।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बालकन्या- मिथ्यादृष्टि आदि को अज्ञानी अथवा बाल कहते है। Balakanya- An innocent or immatured girl
तिर्यच जीव Animal and plants, beings other than human, celestial & infernal beings. मनुष्य, देव और नारकी जीवों को छोडकर शेष एकेन्द्रिय से लेकर पंचेन्द्रिय जीव तिर्यंच जीव कहलाते हैं । मन वचन काय की कुटिलता को प्रापत , निकृष्ट अज्ञानी और जिनके अत्यधिक पाप की बहुल्ता पायी जाये , उसको तिर्यंच कहते हैं।[[श्रेणी: शब्दकोष…