जंघा चारण ऋद्धि!
जंघा चारण ऋद्धि A type of supernatural power of violenceless movement without bending the knees. ऋद्धि; जिसके प्रभाव से घुटनों को मोड़े बिना पृथिवीकायिक जीवों को बाधा न करके गमन किया जा सके ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जंघा चारण ऋद्धि A type of supernatural power of violenceless movement without bending the knees. ऋद्धि; जिसके प्रभाव से घुटनों को मोड़े बिना पृथिवीकायिक जीवों को बाधा न करके गमन किया जा सके ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वार्थसिद्धि – Sarvaarthasiddhi One of this 5 Anuttar Vimans (Space crafts-dwelling place of Indras). Name of a palanquin used by Lord Shantinath. 5 अनुत्तर विमानों में एक इन्द्रक विमान, जहाॅं जन्म लेने वाले अहमिन्द्र देव मनुष्य का एक भव धारण कर नियम से मोक्ष प्राप्त करते है। एक पालकी, तीर्थकर शांतिनाथ इसी में बैठकर…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूप्यवर – मध्यलोक के अन्तिम 16 द्वीपों में दषवां द्वीप व समुद्र। Rupyavara-name of an island & an ocean of middle universe
छिन्न निमित्त ज्ञान A type of symbolic knowledge. देव , दानव , राक्षस , मनुष्य और तिर्यंच के द्वारा छेड़े गए शस्त्र एवं वस्त्रादिक तथा प्रासाद , नगर और देशादिक चिन्हों को देखकर त्रिकालभावी शुभ, अह्सुभ मरण , विविध प्रक्लार के द्रव या और सुख-दुःख को जानना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तंत्र A charm and enchantment, a mystical formula for the attainment of super natural powers. जादू टोना, विद्या,मणि, मंत्र आदि की शक्ति। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विसदृश –Visadrsa. Dissimilar, Recognition with dis-similarity (reg. any different matters). समानता का अभाव ” प्रत्यभिज्ञान का एक भेद; स्मृति और प्रत्यक्ष के विषयभूत पदार्थों में विसदृशता दिखाते हुये जोड़रूप ज्ञान को विसदृश प्रत्यभिज्ञान कहते हैं ” जैसे – गाय को लेकर भैंसा में रहने वाली विसदृशता दिखाना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वोंडज –Vaindaja. Cotton cloths. वस्त्र के ५ भेदों, कपास से उत्पन्न वस्त्र वोंडज हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वविजय – Sarvavijaya. Name of the 30th chief disciple of Lord Rishavhdev. भगवान ऋषभदेव के 30 वें गणधर ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यक्त्तनिर्वृत्त्यक्षर–Vyaktanirvrttyaksara. Power of pronouncing words possessed by five sensed beings. निर्वृत्त्यक्षरके दो भेदों में एक भेद; यह संज्ञी पंचेन्दिर्य पर्याप्तक तक के होता हैं “
चौरार्थादान Acceptance of stolen materials. अचौर्याणुव्रत का एक अतिचार ; चोरी का लाया हुआ माल लेना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]