इंद्रिय सुख!
इंद्रिय सुख Sensual pleasure. इन्द्रिय के द्वारा उनके विषयों को भोगना इन्द्रिय सुख है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इंद्रिय सुख Sensual pleasure. इन्द्रिय के द्वारा उनके विषयों को भोगना इन्द्रिय सुख है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्पुरुष – Satpurusha. Noble persons, A type of peripatetic deities. महापुरुष, किम्पुरुष जाति के व्यंतर देवों के 10 भेदों में एक भेद “
उन्मान Weighing instruments, Balance metric. तगर आदि द्रव्यों को ऊपर उठाकर जिनसे तौला जाता है वे तराजू आदि उन्मान हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उद्देश्यतावच्छेदक One who divides the conceptions. एक धर्मी को अन्य धर्मी से व्यावृत्त करने वाला ‘ता’ प्रत्यय युक्त धर्म विशेष।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवेग – Sanvega. Mental agitation, Instinct, To have fear with the sufferings of wordly life. मन में उठने वाली भावना, अन्तःप्रेरणा, सम्यग्दर्शन के चार गुणों में से एक-संसार के दुःखों से नित्य डरते रहना अथवा पंचपरिवर्तन रूप संसार से भय उत्पन्न होना “
घोरा A divine power possessed by ‘Ravana’. एक विद्या; यह रावण को प्राप्त थी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
देव संगीत An aboding place of Bramha-Bramhottar heaven. ब्रह्म-ब्रह्मोत्तर स्वर्गों का दूसरा इन्द्रक विमान।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति निरन्तर – Prakrti Nirantara. Karmic nature with continuous binding. कर्म प्रक्रतियां जो अंतर्मुहूर्त काल तक निरंतररूप से बंधती हैं वह निरंतर बंधी प्रक्रतियां कहलाती हैं “
इन्द्रनीलमणि Blue jewel, Sapphire. नीलम रत्नः समवशरण में धूलिसाल कोट की रचना पद्मराग और इन्द्रमणि से की जाती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]