कर्म एवं कर्मों की विविध अवस्थायें
कर्म एवं कर्मों की विविध अवस्थायें श्री १०५ आर्यिका आदिमती माताजी ( शिष्या – गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ) प्रत्येक संसारी प्राणी कर्म शृंखला से बद्ध है । जीवों की जितनी भी क्रियायें एवं अवस्थायें हैं उनका कारण कर्म ही है । इन कर्मों का सम्बन्ध जीव के साथ कब से है और क्यों है…