भगवान अभिनन्दननाथ चालीसा
भगवान अभिनन्दननाथ चालीसा दोहा ऋषभ-अजित-संभव प्रभू, को वंदन त्रय बार। उसके बाद चतुर्थ हैं, श्री अभिनन्दननाथ।।१।। उनका जीवनवृत्त है, अनुपम और विशाल। लेकिन इतने शब्द तो, नहीं हैं मेरे पास।।२।। यदी शारदे मात की, होवे कृपा प्रसाद। तब मैं पूरा कर सकूं, यह चालीसा पाठ।।३।। चौपाई श्री अभिनन्दनाथ तीर्थंकर, तीनों लोकों में आनन्दकर।।१।।...