श्री अजित जिन स्तोत्र
श्री अजित जिन स्तोत्र (छंद सहित) प्रीति छन्द:-(५ अक्षरी)कर्मजित्योऽभूत्, सोऽजित: ख्यात:।तीर्थकृन्नाथ:, तं नुवे भक्त्या।।१।। सती छन्द:-(५ अक्षरी)पुरी विनीता, भुवि प्रसिद्धा।त्रिलोक-पूज्या, सुरेन्द्रवंद्या।।२।। मन्दा छन्द:-(५ अक्षरी)माता विजया, धन्या भुवने।देवैर्महितं, पुत्रं जनिता।।३।। तनुमध्या छन्द:-(६ अक्षरी)इक्ष्वाकुकुलस्य, सूर्यो गजचिन्ह:।स्वर्णाभतनु: स:, मां रक्षतु पापात्।।४।। शशिवदना छन्द:-(६ अक्षरी)खयुगदिशैक:, करतनुतुंग:।भुवि जितशत्रु:, तव जनक: स्यात्।।५।। सावित्री छन्द:-(६ अक्षरी)द्वासप्तत्या लक्ष-पूर्वाण्यायु: प्राप्त:।ज्ञानानंदापूर्ण:, पायात् मे संसारात्।।६।। अनुष्टुप्...