विमलेश्वर!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमलेश्वर – Vimalesvara. Name of the 18th Tirthankar of past era. भूतकालीन १८ वें तीर्थकर “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमलेश्वर – Vimalesvara. Name of the 18th Tirthankar of past era. भूतकालीन १८ वें तीर्थकर “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वेदयबंधी प्रकृति – Svodayabamdhii Prakrti. Karmic natures causing binding with self rising. स्वयं के उदय के साथ बंधने वाली प्रकृतियाॅ। ज्ञानावरणी की 5, अंतराय की 5, दर्शनावरणी की चक्षुदर्शनावरणादि 4, तैजस शरीर, कार्मण शरीर, निर्माण, स्थिरयुगल, शुभयुगल तथा वर्णचतुष्क, अगुरुलधु और मिथ्यात्व इन 27 प्रकृतियो का स्वोदय से बंध होता है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुज्यमान आयु – Bhujyamana Ayu. Present age. वर्तमान में जिस आयु को भोगा जा रहा है वह भुज्यमान आयु है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाभाविक विमान – Svaabhaavika Vimaana. Natural aboding places of heavenly deities. विमान के दो भेदो मे एक भेद-एक विक्रिया से उत्पन्न हुए और दूसरे स्वभाव से । विक्रिया से उत्पन्न हुए विमान विनश्वर होते है व स्वभाव से उत्पन्न हुए विमान रम्य, नित्य व अविनश्वर होते है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावस्वाध्याय – Bhavasvadhyaya. Rethinking of spiritual contents. स्वाध्याय के द्वारा शुध्द आत्मा को अनुभव में लाना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वस्थान-स्वस्थान-अवस्थान – Svasthaana-Svasthaana-Avasthaana. Activity done by one in own birth place. अपने उत्पन्न होने के ग्राम, नगर अथवा अरण्य मे सोना, बैठ़ना, चलना आदि व्यापार से युक्त रहने का नाम स्वस्थान-स्वस्थान-अवस्थान है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विदिशा – Vidisha. Subdirections, quarter parts of the four direc- tions. चारों दिशाओं के अतिरिक्त प्रत्येक दो दिशाओं के मध्य स्थित दिशाएँ – ईशान, आग्रेय, नैऋत्य, वायव्य, ये ४ विदिशाएं कहलाती हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांद्र – Saandra. Regular solid, Smooth, Beautiful. नियमित सान्द्र, धन, ठोस, चिकना, मृदु, सुन्दर।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पूर्वापर विरोध – Purvapara Virodha. State of mutual contradiction. पूर्व और उत्तर समय अर्थात् परस्पर में विरोध होना “