तन्त्रयुक्ति!
तन्त्रयुक्ति Administrative (Governing) policy. नियत्रण, प्रशासन करने की नीति।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तन्त्रयुक्ति Administrative (Governing) policy. नियत्रण, प्रशासन करने की नीति।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तदाभास To have same impression. उस जैसा अनुभव होना (आवश्यक नहीं कि वह सत्य हो) । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
इच्छापरिमाण Limitation of desires. परिग्रह परिमाण-इसमें स्वर्ण दास आदि बाह्य परिग्रह का परिमाण किया जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आस्रव Influx, Inflow of karmas. सात तत्वों में तीसरा तत्व , कर्मों के आगमन को आस्रव कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जयंत Name of an ‘Anuttar’ heaven, Name of a summit of Ruchak mountain, A door of Jambudvip (an island), Cities in the north & south of Vijayardh mountain, Name of a planet and a demigod. एक अनुत्तर स्वर्ग का नाम , रूचक पर्वत का एक कूट , जम्बूद्वीप की जगती का द्वार , विजयार्ध की…
तत्ववती धारणा Auspicious conceptual meditation with contem-plation. पिंडस्थ ध्यान की एक धारणा जिसमें अपनी आत्मा को अतिशय युक्त, सिंहासन पर आरूढ,कल्याण की महिमा सहित देव, दानव धरणेन्द्रादि से पूजित है, ऐसा चिन्तन करना। तत्पश्चात अपने शरीर में प्राप्त आठों कर्मो से रहित निर्मनल पुरूषाकार आत्मा का चिंतवन करना। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
उद्योत शुद्धि Careful act of walking (in day light). सूर्य के प्रकाश में जब साफ भूमि दिखने लगे तब मुनि 4 हाथ भूमि देखकर चलते हैं इसे ही उद्योतशुद्धि कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीधर्म – Shreedharma. Past-birth soul of Lord Munisuvrata. तीर्थंकर मुनिसुव्रत के पूर्व भव का जीव “
उग्रोग्रतप A type of supernatural power (of fasting with mental control in increasing order). उग्र तप ऋदि का एक भेद-जीवन पर्यंत तीन गुप्ति रक्षित होकर एक-एक दिन अधिक वृद्धि के साथ उपवास करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]