घोषसम!
घोषसम Resonance (regarding scriptural knowledge ‘Shrutgyan’). अनुयोग श्रुतज्ञान ; जो घोष अर्थात त् द्रव्यानुयोग द्वारा के साथ उतोपन्न होता है इस कारण घोषसम कहलाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
घोषसम Resonance (regarding scriptural knowledge ‘Shrutgyan’). अनुयोग श्रुतज्ञान ; जो घोष अर्थात त् द्रव्यानुयोग द्वारा के साथ उतोपन्न होता है इस कारण घोषसम कहलाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गतिमार्गणा Investigation of beings in different body forms. चार गतियों में जीवों की खोज, इनमें सर्व संसारी जीव मिल जावेंगे ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गृहीतग्रहण Acquired knowledge. ईहाज्ञान ; अवग्रह से ग्रहण किए पदार्थ को विशेष जानने की ओर उन्मुखता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गणना संख्यात Mathematical calculation (reg. measurement). जैन दर्शन के अनुसार एक गणितीय प्रमाण ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
घोर गुण Those (super saints) having supreme virtues. उत्कृष्ट पराक्रम सहित हैं गुण जिनके , घोर गुण (ऋद्धिधारी मुनि) कहे जाते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मघवा – Maghava.: Name of the 6th earth of hell. नरक की छठी पृथ्वी, जिसका अपरनाम तमःप्रभा है “
गजस्वन Name of an assisting devotee of Ram (a Vidyadhar). राम का सहायक एक विद्याधर .यह विद्याधरों का महारथी था ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुरुत्वगति Gravitational motion. गति का एक भेद ; पत्थर आदि के नीचे की ओर जाने वाली गति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तविध संसार – Saptvidha Sansaara. Seven modes of involvement of beings in the wordly cycle. एकेन्द्रिय जीव के सूक्ष्म बादर, द्वीन्द्रिय, श्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय, पंचेन्द्रिय के संज्ञी और असंज्ञी ये संसारी जीव के सात भेद है, इनमें भ्रमण करना ही सात प्रकार का संसार है।