रिश्टसमुच्चय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रिश्टसमुच्चय – आचार्य दुर्गदेव कृत मन्त्र तन्त्र विशयक एक संस्कृत गं्रथ का नाम। समय 11 षताब्दी Ristasamuccaya-name of a book related to mystical theme
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रिश्टसमुच्चय – आचार्य दुर्गदेव कृत मन्त्र तन्त्र विशयक एक संस्कृत गं्रथ का नाम। समय 11 षताब्दी Ristasamuccaya-name of a book related to mystical theme
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजिगीषु कथा – Vijigiishu Kathaa. Interpretation between 2 parties with arguments in the form of debate. शास्त्रार्थ ,वाद,वादी और प्रतिवादी में अपने पक्ष को स्थापित करने के लिए जीत-हार होने तक जो परस्पर में वचन प्रवृत्ति या चर्चा होती है वह विजिगीषु कथा है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंडलीक A high rank of kings, an emperor ruling over 4000 kings. 4000 मुकुटबद्ध राजाओं का स्वामी मंडलीक कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नमाली – विद्याधर वंष का एक राजा Ratnamali- Name of a king of Vidyadhar Dynasty
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धात्मसंवित्ति – Shuddhaatmasanvitti. Perception of right knowledge, A synonym word for Mokshmarg (path of salvation). आत्मज्ञान होना, मोक्षमार्ग या निर्विकल्प समादी का अपरनाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंगल गोचर प्रत्याखयान :An activity of auspicious exposition (performed by a saint after taking food). जैन साधु द्वारा की जाने वाली एक क्रिया ‘मंगलगोचर के पश्चात अगले दिन अर्थात चतुर्दशी (वर्षायोग स्थापना एवं निष्ठापन दिवस) के लिए एक विशेष भक्ति पाठ पूर्वक गुरु से उपवास ग्रहण करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यषोबाहु – आदिनाथ भगवान के 84 गणधरो में एक गणधर का नाम, आचार्य यषोभद्र के षिश्य, इनका अपरनाम आचार्य भद्रबाहु द्वितीय था। यं 8 अंगधारी थे तथा लोहाचार्य – 2 के गुरू थे। समय – वी नि 515 – 565 Yasobahu-Name of a chief disciple of lord Adinath, Also the name of the disciple…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विचार –Vichaara.: Consideration, opinion, thoughts, reflection. किसी पदार्थ या विषय का चिन्तवन करना विचार कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युक्ति – पदार्थो को सिद्ध करने के लिए प्रयुक्त हेतू अथवा साधन। Yukti-Device, Stratagem
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विक्रम – Vikrama.: Name of a poet, the writer of ‘Nemicharit Granth’ (a treatise). एक जैन कवि ,नेमिचरित ग्रन्थ के रचयिता “