मूडबिद्री!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूडबिद्री–Muudbidri. Name of a great Jain pilgrimage situated in Karnataka state. दक्षिण के कर्नाटक देश मेंस्थित एक तीर्थ, यहा रत्नबिम्ब व धवलादि ग्रंथ कनडी लिपि मै है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूडबिद्री–Muudbidri. Name of a great Jain pilgrimage situated in Karnataka state. दक्षिण के कर्नाटक देश मेंस्थित एक तीर्थ, यहा रत्नबिम्ब व धवलादि ग्रंथ कनडी लिपि मै है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलस्थान–Mulasthan. A fault of a saint (using article without purifying it), Past name of present city Multan in Punjab. दोष; आहार, पिच्छी, कमंडलु और वसतिका आदि को शोधन किये बिना ही साधु द्वारा इनका प्रयोग करना, पंजाब का वर्तमान मुलतान नगर”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वायुनिरोध – Vaayunirodha.: The process of resisting breath (a meditational activity) in which exhaling is performed through the palate. प्राणायाम ; श्वासोच्छ्वासरूप पवन नासिका के छिद्रों को छोड़कर स्वयमेव तालुका के अति सूक्ष्म छिद्र (10वें द्वार) से होकर बाहर निकलती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध चारित्र – Suddha Chaaritra. Absolute right conduct.निश्चय मोक्षमार्ग का एक अपरनाम ” वीतराग चारित्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गलाणु – Pudgalanu. Indivisible particles of the matter. पुद्गल द्रव्य के दो भेदों में एक भेद; अविभागी एक प्रदेशी पुद्गल द्रव्य को अणु कहते हैं “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == संतोष : == देिंवदचक्कवट्टित्तणाई रज्जाइ उत्तमा भोगा। पत्ता अणंतखुत्तो, न य हं तित्तिं गओ तेहिं।। —इन्द्रिय पराजय शतक : १६ देवपन, इन्द्रपन, चक्रवर्तीपन और राज्य आदि के उत्तम भोगों को मैंने अनंत बार पाया है, परन्तु अभी तक मैंने इनसे लेशमात्र भी तृप्ति नहीं पाई है। सव्वग्गंवथविमुक्को, सीईभूओ…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गल द्रव्य पर्याय – Pudgala Dravya Paryaya. Different states (forms) of matters. पुद्गल द्रव्य की सूक्ष्म, स्कंध आदि अवस्थायें “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लघुभाषा – 700 क्षुद्र भाशा। अरिहंत भगवान की दिव्यध्वनि 718 भाशाओ मंे खिरती है जिसमें से 18 भाशाएं व 700 लघु भाशाएं होती है। Laghubhasa-Regional language or dialect (about 700 in numbers)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वामन – Vaamana.: Name of a guardian deity of an auspicious canopy. प्रतिष्ठा मंडप के 10 द्वारपलों में एक द्वारपाल देव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यजीव – Punyajiva. Beings having auspicious & noble results of Karmas. सम्यक्त्व, श्रुतज्ञान, व्रतरूप परिणाम तथा कषाय निग्रहरूप गुणों से परिणत आत्मा “