फल्गुसेना!
फल्गुसेना Name of the last female Jaina follower of Dushmakal. दुषमाकाल की अंतिम श्राविका । इनका नाम पंगुश्री भी उल्लिखित है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
फल्गुसेना Name of the last female Jaina follower of Dushmakal. दुषमाकाल की अंतिम श्राविका । इनका नाम पंगुश्री भी उल्लिखित है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध चारित्र – Suddha Chaaritra. Absolute right conduct.निश्चय मोक्षमार्ग का एक अपरनाम ” वीतराग चारित्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गलाणु – Pudgalanu. Indivisible particles of the matter. पुद्गल द्रव्य के दो भेदों में एक भेद; अविभागी एक प्रदेशी पुद्गल द्रव्य को अणु कहते हैं “
त्यक्तावास Living in deserted place. अचैर्य व्रत की एक भावना, दूसरों के छोडे हुए ऊजड़ स्थान में निवास करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == संतोष : == देिंवदचक्कवट्टित्तणाई रज्जाइ उत्तमा भोगा। पत्ता अणंतखुत्तो, न य हं तित्तिं गओ तेहिं।। —इन्द्रिय पराजय शतक : १६ देवपन, इन्द्रपन, चक्रवर्तीपन और राज्य आदि के उत्तम भोगों को मैंने अनंत बार पाया है, परन्तु अभी तक मैंने इनसे लेशमात्र भी तृप्ति नहीं पाई है। सव्वग्गंवथविमुक्को, सीईभूओ…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गल द्रव्य पर्याय – Pudgala Dravya Paryaya. Different states (forms) of matters. पुद्गल द्रव्य की सूक्ष्म, स्कंध आदि अवस्थायें “
तैजस शरीर नामकर्म प्रकृति A type of Karmic nature causing lustre in body. जिसके उदय से तैजस वर्गणाओं का आकर्षण तैजस शरीर बनने के लिए हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वामन – Vaamana.: Name of a guardian deity of an auspicious canopy. प्रतिष्ठा मंडप के 10 द्वारपलों में एक द्वारपाल देव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यजीव – Punyajiva. Beings having auspicious & noble results of Karmas. सम्यक्त्व, श्रुतज्ञान, व्रतरूप परिणाम तथा कषाय निग्रहरूप गुणों से परिणत आत्मा “
तुलिंग A country of Bharat ksherta in Aryakhand (region). भरतक्षेत्र आर्यखण्ड का एक देश। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]