निष्कम्पता!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्कम्पता – Nishkampataa. Steadiness in faith and austerity including self discipline and self control. स्थिर, चंचलता से रहित, दृढ़ बने रहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्कम्पता – Nishkampataa. Steadiness in faith and austerity including self discipline and self control. स्थिर, चंचलता से रहित, दृढ़ बने रहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिथिल श्रद्धानी – Shithila Shraddhaanee. Inert one in pursuance of reverential right faith. वेदक या क्षयोपशम सम्यग्दृष्टि; चल, मलिन और आगाढ़ दोष के कारण तत्वार्थ श्रद्धानमरण जो शिथिलग्राहीहोता है (वृद्ध की लाठी की तरह) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय साधु – Nishchaya Saadhuu. The perfect saint. जो अनन्तज्ञानादि स्वरुप शुद्धात्मा की साधना करते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शासन दिवस – Shaasana Divasa. ‘Veer shasan jayanti’, celebration of first sermon day of Lord Mahavir. वीर शासन जयंती अर्थात श्रावण कृष्ण प्रतिप्रदा का दिन, जब विपुलाचल पर्वत (राजगृही) पर केवलज्ञान होने के 66 दिन बाद प्रथम बार भगवान महावर की दिव्य ध्वनी खिरी थी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय भक्ति – Nishchaya Bhakti. Engrossment into self. मुनि अवस्था में आत्मगुणों में तन्मयता निश्चयभक्ति है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चयगुरु – Nishchayaguru. One having absolute perception of knowing himself. निश्चय से आत्मा ही आत्मा का गुरु है क्योंकि मोक्ष सुख का ज्ञान कर स्वयं ही उसे परम हितकर ज्ञान उसकी प्राप्ति में अपने को लगता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विस्रसोपचय –Visrasopachaya. Natural Karmic attendants; natural aggregation of karmic molecules capable of binding with soul. वे कर्म व नोकर्म के परमाणु जो जीव के प्रदेशों में एक क्षेत्रावगाही हैं ” परन्तु जीव के साथ के साथ बंध को प्राप्त नहीं हैं अर्थात् ये कर्म नोकर्म रूप होने के योग्य हैं, वर्तमान में…
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूर्तत्त्व–Murtattva. Corporeality, Materiality, Tangibility. मूर्तित्वपना; स्पर्श, रस, गंधादिपना होना”