श्रद्धा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रद्धा – Shraddhaa. Faith, Reverence, Reverential belief. दृष्टि, श्रद्धा, आस्था, रूचि और प्रत्यय ये पर्यायवाची नाम हैं ” दाता के सात गुणों में एक गुण, पात्र के प्रति आदर भाव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रद्धा – Shraddhaa. Faith, Reverence, Reverential belief. दृष्टि, श्रद्धा, आस्था, रूचि और प्रत्यय ये पर्यायवाची नाम हैं ” दाता के सात गुणों में एक गुण, पात्र के प्रति आदर भाव “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यदु–Yadu. Name of a king of Hari dynasty who established Yadu dynasty. यदु (यादव) वंश का संस्थापक हरिदंशी एक राजा”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवेश- भेदन, भीतर जाना, पहुंच। Pravesa- penetration, entrance
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजसेना – राजा की सेना इसकी 18 श्रेणिया होती है। Rajasena- The army of a king
चंद्रसेन Spiritual teacher of Aryanandi ji. आर्यनंदि के गुरु (ई. ७४२-७७३)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्याख्यान चतुष्क – pratyakhyana catuska A quarted related to passion (4 types passion) क्रोध मान माया लोभ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजसूय – चक्रवर्ती सागर के समय मे प्रचलित राजाओं के द्धारा किया जाने वाला एक अनार्थ यज्ञ। महाकाल असुर के द्वारा हिंसा की प्रेरणा देने के लिए ये चलाया गया था। Rajasuya-Name of a violenceful yagya (sacrificial fire) prevalent at the time of Chakravarti sagar
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बिंदु – Bindu. A large number (10,000,000)^7 एक संख्या प्रमाण “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतीत्य सत्य- pratitya satya Truth related to conviction अन्य की अपेक्षा से जो कहा जाय सो वह प्रतीत्य सत्य है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्ध्यप्र्याप्तक – अपर्याप्तक नाम कर्म के उदय से जो जीव अपने योग्य पर्याप्तियों को पूर्ण किए बिना ही ष्वास के 18 वें भाग में मरण को प्राप्त हो जाता है अर्थात जिसके एक भी पर्याप्ति पूर्ण नही होती उसे लब्ध्यप्र्याप्तक कहते हैैं। Labdhyaparyaptaka-Absolutely, non development beings (Having very short life)