त्रिसंयोगीस्थान प्ररूपणा!
त्रिसंयोगीस्थान प्ररूपणा Particular representation of different karmic nature. कर्म प्रकृतियों का उदय आदि की अपेक्षा विशेष निरुपण। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिसंयोगीस्थान प्ररूपणा Particular representation of different karmic nature. कर्म प्रकृतियों का उदय आदि की अपेक्षा विशेष निरुपण। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
खंडशलाका Piece log, Section ( a large piece). किसी शिला का वृहत् भाग ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्याता – Vidhata. Karma as a creator (according to Jaina philosophy). कर्म का पर्यायवाची नाम “
खगपुर Name of the city of 5th Baldev and Narayan. ५वें बलदेव सुदर्शन एवं ५वें नारायण पुरूषसिंह के नगर का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्णिकाय Four types of deities. भवनवासी, व्यन्तर , ज्योतिश्का , वैमानिक इन ४ निकायों के देव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुणसागर(मुनि) Name of a saint, the disciple of Acharya Shri Dharmasagar Maharaj. चारित्रचक्रवर्ती आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज के त्रित्र्री पट्टाधेस्श आचार्य श्री धर्मंसागर जी महाराज के एक प्रभावक शिष्य (ई.श. २०-२१)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
त्रिलोकबिंदुसार Name of 14th Purva (parts of scriptural knowledge). चैदहवां पूर्व । इसमें तीन लोक का स्वरूप , एवं बीजगणित आदि का कथन है इसके साढे 12 करोड़ पद है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
खदिरसार Name of king shrenik (in 3rd precedent birth). एक भीलों का राजा मांस का त्याग किया था , पुनः मरकर तीसरे भाव में वही श्रेणिक राजा हुआ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रवती – Bhadravati. Mother’s name of the 3rd Chakravarti (emperor). तृतीय चक्रवती मघवा की माता का नाम “
एकान्त वृद्धि योगस्थान See – Ekå´tånuvro ddhi Yogasthåna. देखें – एकांतानुवृद्धि योगस्थान ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]