ऊहापोह!
ऊहापोह Uncertainty, In-decision. हेतु का लक्षण अनिश्चय की स्थिति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ऊहापोह Uncertainty, In-decision. हेतु का लक्षण अनिश्चय की स्थिति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
देशावकाशिक व्रत Vow of keeping restriction in movement, food eating, sensual pleasures etc. to a limit. प्रथम शिक्षाव्रत – दिगव्रत की सीमा के अन्तर्गत दैनिक गमनागनम मे घर, बाजार, गली, मोहल्ला आदि की सीमा करना। निश्चित सीमा के बाहर गमन करने का त्याग , भोजन करने का त्याग, मैथुन करने का त्याग अथवा मौन धारण…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सागर सिद्व – Saagara Siddha. Beings to be salvated from ocean. समुद्र से सिद्व होने वाले जीव, ये स्तोक होते है।
ऊर्जयंत Called Girnar mountain in Junagarh of Saurashtra. गिरनार पर्वत जहाँ से श्री नेमिनाथ तीथंकर एंव शम्बू अनिरूध प्रद्युम्न सहित 72 करोड़ मुनि मोक्ष गये।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
देवकुरू A land of enjoyment situated in Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्र में मेरूपर्वत के दक्षिण में स्थित उत्तम भोगभूमि।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
देवतिलक A commentator of ‘Kalyanamandir Stotra’ (a treatise). कल्याणमंदिर स्त्रोत के टीकाकार।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हेमराज पांडे – Hemaraaja Pande The disciple of pandit Rupchand, who wrote ‘Pravachansar Tika’ etc. great books. पंडित रुपचंन्द्र के शिष्य। कृतियाॅ-प्रवचनसार टीका, पंचास्तिकाय टीका, भाष्य भक्तामर, गोम्मटसार वचनिका, नयचक्र वचनिका। समय वि.श. 17-18।
दूरापकृष्टि A type of Krishti (gradual destruction of passions). कर्मों का स्थितिकाण्डकघात होते-होते जब सबसे जघन्य पल्योपम के संख्यातवें भाग प्रमाण स्थिति शेष रह जाती है वह स्थिति दूरापकृष्टि है।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हेतुत्व – Hetutva. Causative base. कारणपना, जैसे धर्म द्रव्य का लक्ष्ण गमन हेतुत्व है और जीव व पुद्गल के गमन मे धर्म द्रव्य सहकारी होता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमाध्यात्मतरंगिनी: A book written by Acharya Shubhchandra Bhattarak.आचार्य शुभचन्द्र भटटारक (ई0 1516) कृत एक संस्कृत टीका।