परस्पर परिहार विरोध!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्पर परिहार विरोध :Mutual repelling of Virtues for knowing their existence.गुणों का एक दूसरे के साथ परिहार करके उनका अस्तित्व मानना ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्पर परिहार विरोध :Mutual repelling of Virtues for knowing their existence.गुणों का एक दूसरे के साथ परिहार करके उनका अस्तित्व मानना ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजगार स्थिति बंध – Bhujagara Sthiti Bamdha. Binding of durational bondage of Karma increase- ingly. जहां पहले कम स्थिति बंध होता था, आगे व्रद्धि के साथ स्थिति बंध होना “
त्रिदंशजय A king of Ikshvaku dynasty. इक्ष्वाकुवंश का एक राजा । अंत में पुत्र को राज्य सौंपकर दीक्षा ली थी। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीरत्याग – Shareeratyaaga. Renouncement related to the attachment of body. व्युत्सर्ग तप या व्युत्सर्ग प्रायश्चित (कायोत्सर्ग), नियत व अनियत काल के लिए शरीर से ममत्व बुद्धि छोड़ना “
उपमान-उपमेय संबंध Mutual relation between the objects of compa-rison. वह संबंध जिससे किसी की तुलना की जाये वह उपमान एंव जो तुलना करने करने के योग्य हो वह उपमेय।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपनिषद भाष्य A book written by ‘Sureshvarji’. वेदान्त साहित्य प्रवर्तक शंकर के शिष्य सुरेश्वर (ई.820) कृत एक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपचरित सद्भूत व्यवहासर नय A type of figurative conception/perception. उपाधि सहित गुण व गुणी में भेद को विषय करने वाला नय जैसे जीव के मतिज्ञान आदि गुण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]