तदाभास!
तदाभास To have same impression. उस जैसा अनुभव होना (आवश्यक नहीं कि वह सत्य हो) । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तदाभास To have same impression. उस जैसा अनुभव होना (आवश्यक नहीं कि वह सत्य हो) । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जयंत Name of an ‘Anuttar’ heaven, Name of a summit of Ruchak mountain, A door of Jambudvip (an island), Cities in the north & south of Vijayardh mountain, Name of a planet and a demigod. एक अनुत्तर स्वर्ग का नाम , रूचक पर्वत का एक कूट , जम्बूद्वीप की जगती का द्वार , विजयार्ध की…
तत्ववती धारणा Auspicious conceptual meditation with contem-plation. पिंडस्थ ध्यान की एक धारणा जिसमें अपनी आत्मा को अतिशय युक्त, सिंहासन पर आरूढ,कल्याण की महिमा सहित देव, दानव धरणेन्द्रादि से पूजित है, ऐसा चिन्तन करना। तत्पश्चात अपने शरीर में प्राप्त आठों कर्मो से रहित निर्मनल पुरूषाकार आत्मा का चिंतवन करना। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
इंद्रक Middle aboding places (Viman) of heaven & middle dwelling places (Bill) of hell. पटल इंद्रक का अर्थ अन्तर्भूमि है स्वर्गो में मध्य के विमान एंव नरकों के बिल।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उद्योत शुद्धि Careful act of walking (in day light). सूर्य के प्रकाश में जब साफ भूमि दिखने लगे तब मुनि 4 हाथ भूमि देखकर चलते हैं इसे ही उद्योतशुद्धि कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीनंदि – Shreenandi. The disciple of Sakalchandra of Nandi group. नंदिसंघ देशीयगण में सकलचन्द्र के शिष्य तथा नयनंदि के गुरु ” आपके लिए ही पद्मनंदि ने जम्बूद्वीप पण्णति लिखी थी ” अपरनाम रामनंदि, समय- ई. 968-1023 “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यशस्वी–Yashasvi. The other name of the 9th Kulkar (ethical founder). 9वें कुलकर का अपर नाम”
गोत्र कर्म प्रकृति Status determining Karmas. जिस कर्म के उदय से जीव उच्च और नीच कहा जाता है या उच्च-नीच कुल में उत्पन्न होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]