देयवस्तु!
देयवस्तु Things to be donated like food, medicines, books etc. आहार, औषधि , शास्त्र , अभयदान देने वाली वस्तुएँ। इनके दान से दाता और पात्र दोनों के गुणों में वृद्धि होती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
देयवस्तु Things to be donated like food, medicines, books etc. आहार, औषधि , शास्त्र , अभयदान देने वाली वस्तुएँ। इनके दान से दाता और पात्र दोनों के गुणों में वृद्धि होती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्मिला – Varmilaa.: Another name of mother of Lord Parshvanath. भगवान् पार्श्वनाथ की माता वामा देवी का अपरनाम ” इनका एक नाम ब्राह्मी भी आता है “
दुर्दर्श A king of Yadu dynasty. यदु (यादव) वंश का एक राजा।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सोमदत्त – Somadatta. Name of the 8th chief disciple of Lord Rishabhnath. Name of a particular person of Jaina History. तीर्थकर वृषभनाथ के 8 वें गणधर । एक सेठ जिन्होंने जिनदत्तसेठ से आकाशगामिनी वि़द्या को सिद्ध करने का उपाय सीखा, परन्तु अस्थिर चित्त के कारण सिद्ध न कर सके, उसको विद्युच्चर चोर ने सिद्ध…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भव्यकूट – Bhavyakuta. A type of stoop with rediant summits (in Samavasharan-assembly of Lord Arihant) समवशरण में दैदीप्यमान शिखरों से युक्त एक स्तूप एक जिसे भव्य जीव ही देख पाते हैं ” इसे अभव्य जीव नहीं देख पाते हैं क्योंकि स्तूप के प्रभाव से उनके नेत्र अंधे हो जाते हैं “
देवकीर्ति An Acharya; disciple of Anantveerya. आचार्य ई. 990-1040 में अनंतवीर्य के शिष्य व गुणकीर्ति के सहधर्मा थे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजंगम – Bhujangama. Name of the 14th Teerthankar (Jaina – Lord ) in Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्र में स्थित १४ वें तीर्थकर का नाम “
दृष्टिविष ऋद्धि A type of supernatural power (reg. a look causing curse). जिसके बल से रोषयुक्त हृदय वाले महर्षि के द्वारा देखा गया जीव सर्प द्वारा काटे गये के समान मर जाता है। जैन साधु इस ऋद्धि का कभी उपयोग नहीं करते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूत्रदर्शनार्य – Sutra Darshanaarya. A type of noble persons. दर्शनार्य के 10 भेदो में एक भेद । मुनियों के दीक्षादि का वर्णन करने वाले आचारांग आदि आचार सूत्र को सुनकर जो सम्यग्दर्शन को प्राप्त होते हैं वे सूत्र दर्शनार्य है।