स्थितिकरण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थितिकरण – Sthitikarana. Re-steadiness of one in religion (a part of right perception).सम्यग्दर्षन के 8 अंगो मे एक अंग। धर्म से विचलित होते हुए जीवो को या स्वंय को धर्म मे पुनः दृढ़ करना स्थितिकरण अंग है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थितिकरण – Sthitikarana. Re-steadiness of one in religion (a part of right perception).सम्यग्दर्षन के 8 अंगो मे एक अंग। धर्म से विचलित होते हुए जीवो को या स्वंय को धर्म मे पुनः दृढ़ करना स्थितिकरण अंग है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग –Vitaraga. One free from all passions and attachments, or passionless one. जहां मोह का उदय न राह हो ” आत्म साधन के द्वारा जिन्होंने राग-द्वेष को नष्ट कर दिया है उन्हें वीतराग कहते हैं ” अरिहंत भगवान पूर्ण वितारागी होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थविर मुनि – Sthavira Muni. Senior saint guiding own saint-tradition.चतुर्विध संध के पाॅच आधारो आचार्य, उपाध्याय, गणधर, प्रवर्तक और स्थविर मे एक, जो मुनि संध मे संध की रीति व प्राचीन परम्परा बताये वह स्थविर मुनि होते है।
चतुर्मुखमह A type of worship (performed by kings). सर्वतोभद्र पूजा ; पूजा का एक भेद जो मुकुटबद्ध राजाओं के द्वारा की जाती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यक्तव क्रिया – Samyaktva Kriyaa. Worshipping the Jaina Lord, scriptures & saints. साम्परायिक आस्त्रव की 25 क्रियाओ मे पहली क्रिया। सच्चे देव शास्त्र गुरु की पूजा-भक्ति आदि करना। इससे सम्यक्तव की प्राप्ति और पुण्यबंध होता है।
चतुष्टय Infinite perception-knowledge-bliss and potence togetherly called Chatushtay. अनंतदर्शन ,अनंतज्ञान ,अनंतसुख, अनंतवीर्य ये चार अनंतचतुष्टय कहलाते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्मद – Sammada. Name of the 2nd predestined Rudra. भावी दूसरा रुद्र।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्तुति विद्या – Stuti Vidyaa. Name of a treatise written by Acharya. Samantbhadra.आचार्य समन्तभद्र द्वारा संस्कृत भक्ति विषयक ग्रन्थ, जिनषतक। समय – ई0 120. 185।
चित्कर्म Activities causing accumulation of Punya (meritorious Karmas). जिससे पुण्य कर्म का संचय हो वह चित्कर्म है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]