सकल परमात्मा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकल परमात्मा – Sakala Parmaatmaa. The supreme soul with body (devoid of all Karmas). घातिया कर्मों से रहित परमौदारिक शरीर में स्थित अर्हन्त परमात्मा
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकल परमात्मा – Sakala Parmaatmaa. The supreme soul with body (devoid of all Karmas). घातिया कर्मों से रहित परमौदारिक शरीर में स्थित अर्हन्त परमात्मा
चंदना Daughter of the king Chetaka of Vaishali (maternal aunt of Lord Mahavira), The chief Aryika (Ganini)-Jaina female saint in the Samavasharan of Lord Mahavira. राजा चेटक की पुत्री , जो भगवान महावीर स्वामी की एक मौसी थी और आगे चलकर उन्हीएँ के समवशरण में मुख्या आर्यिका (गणिनी) हुई।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्पात्र – Satpaatra. Reverential persons (perfect to get donation). जिनको दान दिया जाता है, ऐसे सत्पात्र, कुपात्र, अपात्र रूप तीन पात्रों में से एक ” सत्पात्र के तीन भेद हैं- 1. उत्तम सत्पात्र- नग्न दिगम्बर साधु, 2. मध्यम सत्पात्र- आर्यिका, क्षुल्लक, ऐलक तथा प्रतिमाधारी श्रावक, 3. जघन्य सत्पात्र- व्रत रहित सम्यग्दृष्टि श्रावक “
गुप्तफल्गु A chief disciple of lord Rishabhadeva. ऋषभदेव भगवान के चौरासी गणधरों में एक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुतार्थ – Bhutartha. Another name of Makshmarga ‘Panth of salva-tion’. निश्चय नय, मोक्षमार्ग का अपरनाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्रतिपक्षी प्रकृति – Sapratipaksee Pakriti. Karmic nature with their opposite nature. जिन कर्म प्रकृतियों की प्रतिपक्षी कर्म प्रकृति मौजूद हो-साता वेदनीय, असाता वेदनीय, तीनों वेद, हास्यादि चार, एकेन्द्रियादि 5 जातियां, 6 संस्थान, 6 संहनन, 4 आनुपर्वी, 4 गति, औदारिक-वैक्रियिक दो शरीर तथा दोनो के दो अंगोपांग, दो गोत्र त्रसादि 10 युगल और दो विहायोगति…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगनिद्रा – संसारी जीव जिसमे जागता है उस दषा में यागी का रात मानकर साना अथवा अल्पकाल मे साधुओ का षरीरश्रम को दून करने के लिए निद्रा लेना। Yoganidra-A kind of meditatory sleep
ग्रीवाधोनयन An infraction in the posture of meditation-bending of head downward. कायोत्सर्ग का एक अतिच्चार-ग्रीवा को नीचे की तरफ झुकाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तक्षेत्र – Saptaksetra. Seven regions of Jambudvip (Island) – Bharat, Haimvat, Hari, Videh, Ramyak, Hairanyavat & Eravat Kshetra. जम्बूद्वीप के भरत, हैमवत, हरि, विदेह, रम्यक्, हैरण्यवत एवं ऐरावत क्षेत्र।
उदीरणा व्युच्छित्ति Lack of fruition of karmas. जिन कर्मों की उदीरणा किसी गुणस्थान तक हो आग न हो उदीरणा का अभाव।[[श्रेणी:शब्दकोष]]