वाणिज्य कर्मार्य!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाणिज्य कर्मार्य – Vaanijya Karmaarya.: Those having livelihood by trade of grains, gold etc. सावद्य कर्मार्य के 6 भेदों में एक 1 भेद ;जो अन्न ,वस्त्र ,सोना ,चांदी आदि के द्वारा आजीविका करते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाणिज्य कर्मार्य – Vaanijya Karmaarya.: Those having livelihood by trade of grains, gold etc. सावद्य कर्मार्य के 6 भेदों में एक 1 भेद ;जो अन्न ,वस्त्र ,सोना ,चांदी आदि के द्वारा आजीविका करते हैं “
एकत्वप्रत्यभिज्ञान Unitary recognition. स्मृति और प्रत्यक्ष के विशयभूत पदार्थ में एकता दिखाते हुए जोड़रूप ज्ञान ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयोजना सत्य – Sanyojana Satya. A type of truth misinterpretation of any similar subjects or objects. सत्य वचन के 10 भेदों में एक भेद; चेतन-अचेतन द्रव्यों का विभाजन नहीं करने वाले वचन द्वारा चेतन पदार्थों की विवक्षा न कर केवल चक्र के आकार में रची हुई सेना को चक्रव्यूह कहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचा उपकरण विवेक – Vaachaa Upakarana Vivek. Discrimination related to right speech. विवेक का एक भेद ,मैने इन ज्ञानोपकरणादि का त्याग किया ऐसा वचन बोलना “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यतिवृषभ–Yativrashabh. Name of a great Digambar Acharya who wrote many books like ‘Tiloy Pannati’ etc. कषाय प्राभ्रत के चूर्णसूत्र, तिलोय पण्णत्ति आदि के रचयिता एक आचार्य, ये आर्यमंक्षु व नागहस्ति के शिष्य (ई. 143–173) थे”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचशिख – Panchashikha. Name of a sage, disciple of Asuri, A trumpt. आसुरि के शिष्य (ई.श.1) जिन्होनें सांख्य प्रवचन सूत्र एवं तत्व समास का बहुत विस्तार किया, दुंदुभी या तुरही “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयत – Sanyata. One with control & restraints, Another name of Digambar Jaina saint. महाव्रती श्रमण संयत कहलाता है ” संयत जीव छठे से चौदहवें गुणस्थान तक 9 गुणस्थानों में पाये जाते हैं ” दिगम्बर मुनि का अपरनाम “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्रकेशी–Mishrakoshi. A female deity residing on ruchak mountain who serves the mother of Jaina Lord. रुचकपर्वतनिवासिनी दिक्कुमारी देवी” यह चमर लेकर जिन्मता की सेवा करती है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचमार्णव – Panchamaarnava. Kshirasagar (an ocean), the water of which is used for lastral bath of Tirthankars (Jaina-Lords). क्षीरसागर, इसके जल से तीर्थंकर का जन्माभिषेक किया जाता है “