स्वसहाय!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसहाय – Svasahaya. Absolutely independent. स्त्। जो स्वभाव से ही सिद्व है, इसलिये वह अनादि अनंत है स्वसहाय है, निर्विकल्प है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसहाय – Svasahaya. Absolutely independent. स्त्। जो स्वभाव से ही सिद्व है, इसलिये वह अनादि अनंत है स्वसहाय है, निर्विकल्प है।
दिव्यतिलक A city in the north of Vijayardh mountain. विजयार्थ की उत्तर श्रेणी का एक नगर ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव लोकोत्तर मान – Bhava Lokottara Mana. Extent of knowledge (Nigod to Supreme state). जघन्य से उत्क्रष्ट अवस्था तक का ज्ञान जिससे मापा जाय अर्थात् लब्ध्य-पर्याप्तक सूक्ष्म निगोदिया जीव के जघन्य पर्याय श्रुतज्ञान से लेकर अर्हतों के उत्क्रष्ट केवलज्ञान तक का प्रमाण “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्णमध्य – Svarnamadhya. Another name of Sumeru mountain. सुमेरु पर्वत का अपरनाम।
दामोदर (कवि) Name of a poet of the year 1230. ई.सन् 1230 के एक कवि जिन्होंने णमिणाह चरिउ की रचना की । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सन्यास मरण – Sanyaasa Marana. The holy death of an ascetic. मुनि व्रत धारण कर पंडित मरण करना
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वरुप विपर्यास – Svaruupa Viparyaasa. A contary viewpoint regarding the form of a matter. मिथ्यात्व। जिस पदार्थ का जो लक्षण है उससे विपरीत उसका स्वरुप समझना।
दशा Condition, circumstances. स्थिति परिस्थिति – जीवन आदि की अवस्था बाल्य, यौवन आदि ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संतोष भावना – Santosha Bhaavanaa. Attitude of equanimity or satisfaction. मान अपमान में समता रखना, अशन पान आदि के यथायोग्य लाभ में समता रखना संतोष भावना है “
दर्शनावरण Perception covering Karma, Faith deluding Karma. 8 कर्मों में एक कर्म जिस कर्म के उदय से जीव के दर्शन गुण पर आवरण होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]