पृथिवीकायिक जीव!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवीकायिक जीव – Prthivikayika Jiva. Earth bodied creature; soul which lives in an earth body. जिस जीव के पृथिवी रूप काय विधमान है उसे पृथिवीकायिक जीव कहते हैं ” जैंसे –पत्थर आदि की खान “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवीकायिक जीव – Prthivikayika Jiva. Earth bodied creature; soul which lives in an earth body. जिस जीव के पृथिवी रूप काय विधमान है उसे पृथिवीकायिक जीव कहते हैं ” जैंसे –पत्थर आदि की खान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिविपला – Prativipalaa. A time unit. काल का एक प्रमाण विशेष ” 60 प्रतिविपलांश = 1 प्रतिविपला “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतियोगी – Pratiyogi Counter part, competitor, An opponent. विरोधी, साथी, बराबर वाला “
दत्ति कर्म Some religious duties of householders. गृहस्थों का कर्तव्य । चार तरह का दान देना। पात्रों को भक्ति से एंव दुखियों को दया से। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भैक्ष्यशुद्धि:Purity in procedural food taking. अचौर्य व्रत की एक भावना; शास्त्त्रोक्त विधि से शुद्ध भोजन ग्रहण करना “
फाहियान Name of a Chinese tourist who came to India and reside for the period of 402-405 AD. एक चीनी यात्री जो ई. 402 में भारत आया एंव 405 तक भारत में रहा। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिबोध – Pratibodha. Awaking knowledge; discernment, vigil. जागरण, जानकारी या ज्ञान, सम्यग्दर्शन-ज्ञान, व्रत और शील गुणों को उज्जवल करने, मॉल को धोने अथवा जलाने का नाम प्रतिबोध है “
त्रिमूढता Three faults in right faith. सम्यग्दर्शन के 25 दोषों में 3 दोष । लोक मूढता, देवमूढता, गुरूमूढता । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुषाद्वैत – Purusadvaita. Monotheist. एक ही महात्मा है वह सर्व व्यापक है वह सब ब्रम्ह का स्वरूप है ऐसा मानने वाले “
तत्वसमीक्षा Name of a commentary book written by Vachaspati Mishra. वेदांत साहित्य प्रवर्तक वाचस्पति मिश्र (ई. 840) की व्रह्मसिद्धि पर लिखी समीक्षा।[[श्रेणी:शब्दकोष]]