घातायुष्क!
घातायुष्क A type of deities (who are born in lower heavens due to degradation). जो अधिक आयु बांधकर बाड़ में संक्लेश परिणामों के कारण नीचे के स्वर्गों में उत्पन्न होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
घातायुष्क A type of deities (who are born in lower heavens due to degradation). जो अधिक आयु बांधकर बाड़ में संक्लेश परिणामों के कारण नीचे के स्वर्गों में उत्पन्न होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भ्रांत:Invalid, Incorrect, Name of the 4th Patal (layer) of the 1st earth. भूला हुआ, कुपथगामी, भूल, प्रथम पृथ्वी का चतुर्थ पटल “
देवकृत अतिशय Fourteen excellences (extraordinary occurrences) of Lord Arihant (done by deities). तीर्थंकरों के 34 अतिशयों में से 14 अतिशय जो देवों द्वारा किये जाते हैं, जैसे- संख्यात योजनों तक वन असमय में ही पत्र, फूल और फलों की वृद्धि से संयुक्त हो जाते हैं, कंटक और रेती आदि को दूर करती हुई सुखदायक वायु…
गुणनंदि A disciple of Acharya Jainandi. आचार्य जयनंदि के शिष्य तथा वज्रनंदि के गुरु (ई.४३६-४२)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
देवता Lord, Deities, Celestial beings. अर्हंत ; सिद्ध आदि भगवान अथवा स्वर्ग में रहने वाले देव। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोग:Worldly or sensual enjoyments. भोजन वस्त्रादि पंचेन्द्रिय सम्बंदी विषय भोग पदार्थ कहलाते है “
दिशांजय क्रिया A type of auspicious activity (winning the universe). गृहस्थ की गर्भान्वय आदि 53 क्रियाओं में एक क्रिया- षट् खण्ड सहित समुद्रान्त पृथिवी को जीतकर वहाँ अपनी सत्ता स्थापित करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गाय Cow, A type of listener. एक पशु,स्ग्रोता का एक भेद ; जैसे गाय तृण खाकर दूध देती है , वैसे ही जो श्रोतागण थोड़ा उपदेश सुनकर बहुत लाभ लिया करते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]