भवन!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवन – Bhavana. Residential places (of human being, deities etc.) भवनवासी देवों के रहने के स्थान एवं मनुष्यों के आवास भवन कहलाते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवन – Bhavana. Residential places (of human being, deities etc.) भवनवासी देवों के रहने के स्थान एवं मनुष्यों के आवास भवन कहलाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लाघव – लघुता, हल्कापन षरीर का भारीपन नश्ट होना। तपष्चरण से षरीर में ये गुण प्राप्त होता है जिसे लघिमा ऋद्धि कहते है। Laghava-Lightness, minuteness
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वरतनु (द्वीप ) – Varatanu (Dviipa): Name of an island of Lavan & Kalod oceans. लवण तथा कालोदसागर का अन्तर्दिप “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] न्यायकेवली – Nyaayakevali. Name of a book written by Acharya Shridhar-2. आचार्य श्रीधर-२ (ई. सन् 991) द्वारा रचित एक नैयायिक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संसारभीरु – Sansaarabheeru. One aware & frightened of worldly troubles. सम्यग्दृष्टि जीव जो संसार के दुःखों से भयभीत होकर वैराग्य को स्वीकार करते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वध्यघातक – Vadhyaghaataka: Contradictory relation pertaining to destruction. विरोध के तीन भेदों में प्रथम भेद; वध्यघातक भाव विरोध जो सर्प-नेवले, अग्रि-जल आदि में होता है ” संबंध के अनेक भेदों में एक भेद “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रमुख – Bhadramukha. Name of a jewel (a great architecture) of Chakravarti ‘Bharatesh’. भरतेश का ‘स्थपति’ रत्न, यह वास्तुकला का ज्ञाता था “
दीर्घदंत Name of a predestined Chakravarti. भविष्यकालीन द्वितीय चक्रवर्ती ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == दु:खमुक्ति : == तस्यैष मार्गो गुरुवृद्धसेवा, विवर्जना बालजनस्य दूरात्। स्वाध्यायैकान्तनिवेशना च, सूत्रार्थसंचिन्तनता धृतिश्च।। —समणसुत्त : २९० गुरु तथा वृद्धजनों की सेवा करना, अज्ञानी लोगों के सम्पर्क से दूर रहना, स्वाध्याय करना, एकान्तवास करना, सूत्र और अर्थ का सम्यक् चिन्तन करना तथा धैर्य रखना—(ये दु:खों से मुक्ति के) उपाय…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोकर्म वर्गणा – Nokarma Varganaa. 19 Varganas out of 23 excluding Karmamn, Bhasha, Mano & Tejas. कुल 23 वर्गणाओं में से कार्मण, भाषा, मनो, तैजस इन 4 को छोड़कर 19 वर्गणाएं “