परगण चर्या!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परगण चर्या:To join other group of saints by a saint after leaving own group. साधु आदि द्वारा अपना संघ छोडकर अन्य संघ में जाना ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परगण चर्या:To join other group of saints by a saint after leaving own group. साधु आदि द्वारा अपना संघ छोडकर अन्य संघ में जाना ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवाध्दा – Bhavaddha. A measure related to a life course. भव सम्बंधी काल के प्रमाण को भवाद्धा कहते हैं “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुख्यकाल–Mukhyakaal. A type of prime period of time. वर्तना लक्षण काल का प्रथम भेद; गौण काल की प्रवृत्तिइसी काल के कारण होती है”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रख्यात – Prakhyata. Famous, Prominent. प्रसिध्द, ख्यातिप्राप्त “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परंपरा आगत:Authenticity of scriptures, approved by spiritual leaders (Acharyas). आगम की प्रमाणिकता जो आचार्य परम्परा से आगत होने के कारण जानी जाती है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भय दोष – Bhaya Dosa. A fault; paying reverence with fear. व्युत्सर्ग का एक अतिचार; सत्यभय आदि से युक्त होकर वन्दनादि करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथकत्व – Prthaktva. Number between 3 to 9 (days, years etc.), Differentiation, separateness. तीन से ऊपर और नौ से नीचे की संख्या जैसे – दिवस प्रथकत्व या वर्ष प्रथकत्व कहने पर क्रमश: ४ से ८ दिन या वर्ष जानना चाहिए “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्म:Verse, Four months stay of saints at a particular place during rainy season. काव्य, साधु का एक स्थितिकल्प वर्षाकाल के चार मास पर्यंत एक स्थान पर ही रहना ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुध्द्ववीर्य – Buddhavirya. Name of the questioner of Lord Pushpadant. तीर्थकर पुष्पदंत के समवसरण में मुख्य प्रशनकर्ता “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव गुण – Vibhava Guna. Extrinsic qualities, contrary to real nature. जीव के मतिज्ञान आदि ४ ज्ञान एवं पुद्ग्ल के परमाणु द्रव्य के वर्णादि गुण को छोडकर द्रयअणु आदि स्कन्धों के विभाव गुण हैं “