ऐहिक फलानपेक्षा!
ऐहिक फलानपेक्षा Quality of selfless donation. दाता का पहला गुण-दान देने पर लौकिक फल की इच्छा न करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ऐहिक फलानपेक्षा Quality of selfless donation. दाता का पहला गुण-दान देने पर लौकिक फल की इच्छा न करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदिन – Namdina Name of the 3rd predestined Narayan. आगामी तीसरे नारायण का नाम ”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाषा पर्याप्ति काल – Bhasha Paryaptikala. Period of vocal completion. भाषा पर्याप्ति पूर्ण होने पर जितने समय तक मन पर्याप्ति पूर्ण न हो तब तक भाषा पर्याप्ति काल कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] Name of a great Jaina saint. नन्दिसंध देशीयगण, माणिक्यनंदी के विद्या शिष्य, द्रव्यसंग्रहकार नेमिचन्द्र सैद्वांतिकदेव के शिष्य ।
एकांग One organ activity (reverence with bending the head only). नमस्कार का प्रकार (केवल सिर झुकाना एकांग नमस्कार है)। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकादश अंगधर Jain Acharyas possessing knowledge of 11 Angas. 11 अंगधारी 5 आचार्य- नक्षत्र, यशपाल, पाण्डु, ध्रुवसेन, कंस।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ध्वनि Sound, Resonant preaching of Tirthankars (Jaina-Lords). शब्द, प्रतिध्वनि, कोलाहल, वाद्ययंत्र की ध्वनि, तीर्थंकरों की ओंकर रूप दिव्यध्वनि। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुष्टिविधान व्रत–Mushtividhan Vrat. A particular kind of vow of worshiping the Lord Arihant. प्रतिवर्ष भादो, माघ व चैत्र मास में अर्थात तीनों सोलहकारण पर्वो में क्र. 1 से शु. 15 तक पुरे–पुरे महीने प्रतिदिन 1 मुष्टि प्रमाण शुभ द्रव्य भगवान् के चरणों में चढ़ाकर अभिषेक व चातुविशति जिन पूजन करना” साथ ही ॐ…
ध्रुव अवग्रह Lasting apprehension. जो यथार्थ ग्रहण निरंतर होता है जैसा प्रथम समय में शब्द आदि का ज्ञान हुआ था आगे भी वैसा ही होता रहता है, कम या ज्यादा नहीं होता यह ध्रुव-अवग्रह है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]