दिव्यभाषा!
दिव्यभाषा Resonant voice of Lord Arihant (Divyadhvani). नाना भाषाओं (718) में परिणत होने के अतिशय से सम्पन्न अर्हद्वाणी (दिव्यध्वनि)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दिव्यभाषा Resonant voice of Lord Arihant (Divyadhvani). नाना भाषाओं (718) में परिणत होने के अतिशय से सम्पन्न अर्हद्वाणी (दिव्यध्वनि)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चारूकीर्ति An Acharya of Nandisangh. नंदिसंह के एक आचार्य का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रथमानुयोग- श्रुतस्कंध के 4 अनुयोंगों में प्रथम अनुयोग, इसमें तीर्थकर आदि त्रेसठ शलाकापुरुशों के चरित्र का वर्णन होता है। prathamanuyoga – biographical exposition related to jain – lord and great personalities of jain context.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभवचनयोग – Shubha Vachanayoga. Auspicious saying or speech. सत्य, हित, मित, प्रिय वचन बोलना आदि शुभ वचन योग है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव गुण पर्याय – Vibhava Artha Paryaya. See- Vibhava Artha Paryaya. देखें – विभाव अर्थ पर्याय “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ तैजस शरीर – Shubha Taijasa Shareera. Auspicious lustrous body possessed by super saints. ऋद्धिधारी मुनियों के औदारिक शरीर से उत्पन्न होने वाला तेज़ और प्रभागुण से युक्त शरीर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राम बलदेव – तीर्थकर मुनिसुव्रतनाथ के तीर्थ में हुए 8 वें बलभद्र मांगीतुंगी से माक्ष गए। अपरनाम पù Rama-baldeva-Name of the 8th Balbhadra in the era of lord Munisuvratnath
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ उपयोग – Shubha Upayoga. Auspicious and right conduct. दया, दान, पूजा, व्रत, शील आदि रुपराग और चित्त-प्रसाद रूप परिणाम होना शुभोपयोग है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुलोचन -Sulochana. One with attracting eyes, The 20th son of king Dhritrashtra. सुन्दर नेत्रों वाला, राजा धृतराष्ट्र एवं रानी गांधारी का 20 वाॅं पुत्र ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पूषा – Pusa. Name of a governing deity of a lunar ‘Revati’. एक नक्षत्र ‘रेवती’ के अधिपति देवता का नाम “