विद्या :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == विद्या : == सम्यगाराधिता विद्यादेवता कामदायिनी। —आदिपुराण : १६-९९ विद्या देवता की सम्यग्—सही विधि से आराधना करने पर वह समस्त इच्छित फल प्रदान करती है।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == विद्या : == सम्यगाराधिता विद्यादेवता कामदायिनी। —आदिपुराण : १६-९९ विद्या देवता की सम्यग्—सही विधि से आराधना करने पर वह समस्त इच्छित फल प्रदान करती है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभानुबंधा निर्जरा – Shubhaanubandhaa Nirjaraa. Dissociation of immature Karmas causing auspicious temperament. मिथ्याद्रिष्टियों की अविपाक निर्जरा-इच्छा निरोध न होने के कारण यह शुभानुबंधा निर्जरा कहलाती है
चंड A great writer, A king of Rakshasa descendant. ई.पू,३ का एक प्राकृत विद्वान् जिन्होंने प्राकृत लक्षण नाम का एक प्राकृत व्याकरण लिखा, राक्षस वंश का एक राजा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयसार नाटक टीका – Samayasaara Naataka Teekaa. Name of a commentary book written by Pandit Sadasukh. पं. सदासुख (ई. 1795-1867) कृत समयसार नाटक पर लिखी गई टीका।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भिन्नपुर्वित्व ऋध्दी – Bhinnapurvitva Rddhi. A type of super natural power. एक प्रकार की ऋद्धि ” बुद्धि ऋद्धि के दशपुर्वित्व के दो भेदों में एक भेद “
ईषत्संसार World of non-salvated beings but free from birth-death cycle. अर्हंतावस्था या संयोगकेवली की पुनः जन्म न होने से जीवन मुक्त अवस्था एंव अभी मोक्ष न होने से ईषत्संसासर है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विसर्जन –Visarjana. Completion, Sending deities back with respect. समापन, पूजा के ५ अंगों में एक अंग, जो पूजा की समाप्ति पर किया जाता है ” इसमें आगन्तुक देवों को आदरपूर्वक अपने-अपने स्थानों पर जाने के लिए प्रार्थना की जाती हैं “
णमोंकार धाम Name of a newly built place of pilgrimage situated at Sanavad (M.P.) and constructed on the inspiration of Ganini Shri Gyanmati Mataji. इंदौर (मण्प्रण्) के निकट सनावद में सन् 1996 में गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से एंव क्षुल्लक श्री मोती सागर जी की भावनानुसार उनके ससंघ सानिघ्य में इस तीर्थ…
घनान्गुल Cubic finger. अंगुल के घन को घनान्गुल कहते हैं, जिसमें लम्बाई , चौड़ाई एवं मोटाई विवक्षित रहती हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयसार (टीका) – Samayasaara (Teekaa). The commentary books on samayasar treatise written by 1. Acharya Amritchandra 2. Acharya Jaisen etc. आचार्य अमृतचन्द्र (ई. 905-955) द्वारा कृत आत्मख्याति संस्कृत टीका, आचार्य जयसेन (ई. श. 12-13) द्वारा कृत तात्पर्यवृत्ति संस्कृत टीका, पं. जयचंद छाबड़ा (ई. 1807) कृत आत्मख्याति वचनिका हिन्दी टीका, आचार्य श्री ज्ञानसागर (आचार्य श्री…