उपचरित व्यवहार!
उपचरित व्यवहार Figurative usage (reg. unreal interpretation of matters).देखें- उपचरित स्वभाव।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपचरित व्यवहार Figurative usage (reg. unreal interpretation of matters).देखें- उपचरित स्वभाव।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हास्य द्विक – Haasya Dvika. The dyad of Karmic nature pertaining to laughing. हास्य, रति ये दो कर्म प्रकृतियां।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरिषेण (आचार्य) – Harisena (Aacaarya). Name of an Acharya of punnai group, the writer of Vrihant katha kosh, name of an Apabhransh poet. एक पुन्नाटसंधी आचार्य, वृहत्कथा कोष के रचयिता। समय ई. 931, चित्तौड़वासी एक अपभ्रंश कवि, ध्म्मपरिक्खा ग्रंथ के रचयिता। समय – ग्रंथ रचनाकाल वि. 1044।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरितालमयी – Haritaalamayii. One of the 6 circumference of Sumeru mountain. सुमेरु पर्वत की 6 परिधियो मे प्रथम परिधि, ये 16500 योजन उॅची है।
उपदेशदर्शनाचार्य A type of Aryas (noble persons). अनृद्धि प्राप्त दर्शनार्य का एक भेद।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरि – Hari. The son of king Arya of Champapur, on the name of whom Hari Dynasty was originated. चम्पापुर के राजा आर्य और रानी मनोरमा का पुत्र। इसी राजा के नाम पर हरि वंष की उत्पत्ति हुई।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हंस साधु – Hammsa Saadhu. A type of false saints of Vedant philosophy. एक प्रकार के वेदांती साधु, जो दोषो से युक्त होते है, कषाय वस्त्र धारण करते है एवं दण्ड रखते है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर निमिक्तक उत्पाद :A kind of origination.उत्पाद के दो भेदों में एक भेद, परप्रत्यय उत्पाद ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्वार्थी – Svaarthii. One engrossed in self, selfish one, one of the 88 planets. आध्यात्मिक व्याख्या के अनुसार आत्महित मे संलग्न रहने वाले को स्वार्थी कहते है। क्षुद्र मनुष्य जो अपना कार्य करने मे ही तत्पर रहते है उन्हें स्वार्थी कहा गया है, जैसे मेद्य परोपकारी है और बड़वानल स्वार्थी है। 88 ग्रहो…
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाधीन सुख – Svaadhiina Sukha. Supreme bliss. स्ंसार के समस्त विषय-कषायोे की रहितता से प्राप्त सुख। यह सुख सिद्वो मे पूर्णतः प्रगट होता है।