मोषवचन!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोषवचन–Moshavachan. Speech causing stealing. असत्य वचन; चोरी में प्रवृत्ति कराने वाले वचन”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोषवचन–Moshavachan. Speech causing stealing. असत्य वचन; चोरी में प्रवृत्ति कराने वाले वचन”
तत्वोपदेशकृत One who reveals the real nature of things. तत्वों का उपदेश करना। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विदारण क्रिया – Vidarana Kriya. Exposing others’ sinful activities. साम्परायिक आस्रव की १८ वीं क्रिया ” दुसरे ने जो सावध कार्य किया हो उसे प्रकाशित करना “
जघन्य युक्तानंत A mathematical term (reg. numbers). जघन्य परितानंत की दो बार वर्गित संवार्गित राशि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्वज्ञानतरंगिनी Name of a book written by Acharya Gyanbhushsan. आचासर्य ज्ञानभूषण (ई.1447-1495) द्वारा रचित शुद्ध चैतन्य प्रतिपादक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मचर्य प्रतिमा – Brahmacarya.Pratima. Seventh model stage of celibacy of Jaina lay- follower. श्रावक की सातवीं प्रतिमा; इसमें श्रावक स्त्रीमात्र का त्याग होकर पूर्ण ब्रह्मचर्य से रहता है ” इसका धारक श्रावक अपने पुत्र – पुत्रियों के विवाह के अतिरिक्त अन्य किसी के विवाह की अनुमोदना नहीं करता है “
ज The eighth consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का आठवाँ व्यंजन , इसका उच्चारण स्थान तालु है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्वनिर्णय A book written by Acharya Shubhchandra. आचार्य शुभचन्द्र (ई.-1556) द्वारा रचित एक याय विषयक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सूक्ष्म कषाय : == कौसुम्भ: यथा राग:, अभ्यन्तरत: च सूक्ष्मरक्त: च। एवं सूक्ष्मसराग:, सूक्ष्मकषाय इति ज्ञातव्य:।। —समणसुत्त : ५५९ कुसुम्भ के हल्के रंग की तरह जिनके अन्तरंग में केवल सूक्ष्म राग शेष रह गया है, उन मुनियों को सूक्ष्म—सराग या सूक्ष्म—कषाय जानना चाहिए।
जम्बूशंकपुर A city in the south of Vijayardh mountain. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]