भावलिंग (साधु)!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावलिंग (साधु) – Bhavalinga (Sadhu). An absolute saint with perfect conduct. साधु का जैसा बाहर चारित्र है वैसा ही भाव होना ” प्रमत्त- अप्रमत्त गुणस्थान सम्बन्धी भाव होना ही भावलिंग है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावलिंग (साधु) – Bhavalinga (Sadhu). An absolute saint with perfect conduct. साधु का जैसा बाहर चारित्र है वैसा ही भाव होना ” प्रमत्त- अप्रमत्त गुणस्थान सम्बन्धी भाव होना ही भावलिंग है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विकार –Vikaara.: Change for the wrose,Agitation of mind, Distortion in nature (a detect), To conduct against Nature. स्वभाव से विपरीत परिणमन करना या परिणामान्तर रूप से संक्रांति करना विकार है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुमिधन – Bhumidhana. A type of mathematical quantity. अंतधन, एक कम पद का चय से गुणा करके उसमें प्रथम समय का प्रमाण जोड़ देने पर यह निकलता है “
तिर्यक्प्रचय Three dimensional extension. प्रदेशों का समूह।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्परिणाम – Satparinaama. Auspicious temperaments or involvement. द्रव्य का परिणमन ” शुभ उपयोग रूप जीव का परिणाम अर्थात् भाव “
तिमिंगिल A colossal fish (largest whale). एक सम्मूर्छन महामत्स्य का नाम, जिसकी अवगाहना 1000 योजन की है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
घनमूल Cube root. गणित में घनराशि का मूल अन्नक- जैसे ६४ का घनमूल ४ है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोज्यशूद्र:A lower division of people of society. कारू शूद्र का एक भेद “
तिक्तरस नामकर्म Karmic nature causing pungent flavour in body. जिसके उदय से शरीर में तीखा रस हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गुणनिमित्तक नाम The names like krishna, Mahavira etc. which are pronounced to express virtues. ऐसे नाम जो गुणों के निमित्त से व्यव हार में आते हैं, जैसे कृष्ण, महावीर आदि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]