सर्वज्ञसिद्वि!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वज्ञसिद्वि – Sarvagyasiddhi. Name of a book written by a saint Anantkirti. अनंतकीर्ति द्वारा रचित वृहत् तथा लधु सर्वज्ञसिद्वि ग्रंथ। समय ई.श. 8 ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वज्ञसिद्वि – Sarvagyasiddhi. Name of a book written by a saint Anantkirti. अनंतकीर्ति द्वारा रचित वृहत् तथा लधु सर्वज्ञसिद्वि ग्रंथ। समय ई.श. 8 ।
चिलात A country of middle Mlechchhakhand (region) in the north Bharat Kshetra (region). उत्तर भरतक्षेत्र के मध्यम्लेच्छखण्ड का एक देश ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युगकंधर – कायोत्सर्ग का एक अतिचार, कंधे झुकाते हुए खडे होना। Yugakamdhara-An infraction of meditative relaxation, mediation with down shoulders
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सयोगी जिन – Sayogee Jina. See- Sayogakevalee. An omniscient possessing physical presence. योग सहित अरहंत सकल परमात्मा। देखे- सयोगकेवली।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नावतंसिका – बलभद्र को प्राप्त चार महारत्नो में एक रत्न यह बलभद्र राम की माला का नाम है इसकी 1000 देव रक्षा करते है। Ratnavatamsika- One of the great Jewels of balbhadra, Ram a wreath
चारण क्षेत्र A special place for moving. घूमने का एक स्थान ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्ष्मीमती – रूचक पर्वत निवासिनी दिक्कुमारी देवी, हस्तिनापुर केे राजा सोमप्रभ की रानी जयकुमार की माता, तीर्थकर चद्रप्रभ की माता लक्ष्मणा का अपरनात। Laksmimati-Name of presiding female divinity of ruchak mountain, The3 queen of the king Somprabh of hastinapur , another name of mother of Jaina lord Chandraprabh