बीजा!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बीजा – Bija. A river of Arya Khand (region). आर्य खण्ड की एक नदी “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बीजा – Bija. A river of Arya Khand (region). आर्य खण्ड की एक नदी “
दर्शनक्रिया Watching beauty with lust or passion, an activity of householder. श्रावक की 25 क्रियाओं में एक, रागवश रागी का रमणीय रूप को देखना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यशोधचरित्र – वादिराज द्वि ई 1010 – 1065 कृत, कवि पùनाथ ई 1405 – 1425 कृत, सकलकीर्ति ई 1406 – 1442 आदि विद्वानो द्वारा इस विशय के कइ ग्रन्थ रचे गए है। Yasodharacaritra-A character portrayal by many writers
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेश्या –Vesya Prostitute, immoral woman. गणिका, बाजारू या व्यभिचारिणी स्त्री “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिर भाव – Sthira Bhaava. Stable emotions or temperaments, stability of mental state.चित्त को निश्चल रखना अर्थात् आत्मस्थिरता या समता भाव, सामायिक।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुरजमध्य व्रत–Murajamadhya Vrat. A particular type of vow or fasting. क्रमशः 5,4,3,2,2,3,4,5 इस प्रकार के 28 उपवास करना बीच के सभी खली स्थानों में एक–एक करके 8 पारणाए करना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति क्षय -Sthitiksaya. Destruction of Karmic statesकर्मों की स्थिति का धात होना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगनिर्वाणसाधनाक्रिया – गर्भान्वय की एक क्रिया, अन्तिम अवस्था प्राप्त हो जाने पर साधु द्वारा षरीर आहारदि से ममत्व छोडकर पंचपरमंेही का ध्यान करना। Yoganirvana Sadhana Kriya-Aversion from the life for getting salvation, an auspicious activity
चैत्यद्रुम A type of divinely trees having idols of Lord Arihant in Samavasaran. चैत्यवृक्ष , जो समवशरण एवं देवों के भवन के अकृत्रिम मंदिरों में होते हैं , इनके मूलभाग में जिनप्रतिमाएं विराजमान रहती हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थानांग – Sthaanaamga. A part of scriptural knowledge (Dvadshang shrut).द्वादषंग श्रुत स्कंध का तीसरा अंग। इसमे 42000 पदो मे जीव के 10 स्थानो का वर्णन है।