भावशल्य!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावशल्य – Bhavasalya. Internal thorn (falsehood etc.). जिस कर्म के उदय से जीव के माया, मिथ्या व निदान रूप परिणाम होते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावशल्य – Bhavasalya. Internal thorn (falsehood etc.). जिस कर्म के उदय से जीव के माया, मिथ्या व निदान रूप परिणाम होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थूल भद्र – Sthuula Bhadra. Name of a shvetambaracharya.एक श्वेताम्बराचार्य का नाम।
चतुरिन्द्रिय Four – sensed beings. स्पर्शन , रसना , घ्राण , चक्षु ये ४ इन्द्रियाँ जिन जीवों के होती हैं वे चतुरिन्द्रिय जीव हैं . जैसे -मक्खी , मच्छर आदि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकांड – Prakanda. A great & learned person, a man of vast learn-ing. उत्कृष्ट विद्वान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति शक्ति – Sthiti Sakti. Strength of karmic binding.प्रथम आदि निषेको की सर्व की स्थिति शक्ति है।
थोस्सामिदंडक A lesson for the prayer of Jaina Lord . थोस्सामिहं जिणवरे-इत्यादिरूप एक चौबीस तीर्थंकर स्तुति का प्राकृत पाठ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
छठा अणुव्रत Sixth model stage;to renounce night meal. रात्रि भोजन का त्याग करना , जैन साधुओं के ५ महाव्रतों के साथ-साथ यह छठा अणुव्रत माना गया है . इसका पालन करते हुए वे मन-वचन-काय से रात्री भोजन की अनुमोदना भी नहीं करते ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थावर जीव – Sthaavara Jiva. Transmigratory state of soul (reg. immobile or static beings like earth, water, fire, air & plants).5 स्थावरोे के 4 भेदो मे एक भेद। जो जीव पहले शरीर को छोड़कर स्थावरो मे जन्म लेने के लिये जा रहा है, जब तक वह स्थावरो को अपने शरीर रुप से ग्रहण नही…
त्रैलोक्यजिनालयव्रत A type of vow (fasting) to be observed for different 48 days in regard to different temples of Teenlok (three worlds). तीन लोक में अकृत्रिम – शाश्र्वत जिन मंदिर 856, 97, 481 है। अधोलोक के भवनवासी देवों के 10 भेदों के मंदिरों की अपेक्षा 10, मध्यलोक के पंचमेरू आदि के 12, वयतरों के 8,…
चर्चिका A time unit. काल का एक प्रमाण , ८४ लाख हस्त प्रहेलिका प्रमाण काल , यह संख्यात काल का एक भेद है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]