प्रतिघात कर्म!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिघात कर्म – Pratighaata Karma See – Pratighaatkarma. देखें – प्रतिघतकर्म “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिघात कर्म – Pratighaata Karma See – Pratighaatkarma. देखें – प्रतिघतकर्म “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == केवलज्ञान : == तह य अलोयं सव्वं तं णाणं सव्व—पच्चक्खं।। —कार्तिकेयानुप्रेक्षा : २५४ जो द्रव्य—पर्याय से युक्त संपूर्ण लोक को और संपूर्ण अलोक को (सब कुछ को) प्रकाशित एवं प्रत्यक्ष करता है, वह केवलज्ञान हुआ करता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतरांगुल – Prataraangula. A unit of area measurment. सूच्यंगुल के वर्ग को प्रतरांगुल कहते है “
ईसान Name of a direction ‘Disha’, Name of a heavenly mode. पूर्वोत्तर कोण वाली विदिशा (एक दिशा का नाम) कल्पवासी स्वर्गों का दूसरा कल्प।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पदंतसागर – Puspadamtasagara. Name of a saint, the disciple of Acharya Shri Vimalsagar Maharaj. आचार्यश्री विमलसागर महाराज के एक प्रसिध्द आचार्य- शिष्य (ई. श. २०-२१), जिनकी प्रेरणा से सोनकच्छ (म. प्र.) के नजदीक पुष्पगिरी तीर्थ का निर्माण हुआ है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्करवृक्ष – Puskaravrksa. Earth bodied tree existing in Pushkarardhdvip (island). पुष्करार्धद्वीप में स्थित पृथ्वीकायिक वृक्ष, जिसके नाम से ‘पुष्कर द्वीप’ का नाम सार्थक है. इसके परिवार वृक्ष ५, ६०, ४७६ हैं “
ईर्यापथ क्रिया Act of walking carefully. सूक्ष्म जीवों आदि को जमीन आदि पर देखते हुए चलना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुष – Purusa. Male, Masculine gender. जो उत्कृष्ट गुणों में और उत्कृष्ट भोगों में प्रवृति करता है एवं अच्छे भोगों में प्रवृत्त रहता है. नामकर्म के उदय से पुरुष शरीर की संरचना और पुरुषवेद कर्म के उदय से तज्जन्य भाव वाला जीव पुरुष कहलाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजगा – Bhujaga. Name of a female beloved deity of a peripatetic deity ‘Mahakay’. महाकाय नामक व्यंतर इंद्र की देवी का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रक्तोदा कूट – रक्तोदा कुंड में स्थित कूट। Raktoda Kuta-name of a summit situated in Raktoda Kund