मुक्त जीवराशि!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्त जीवराशि –Mukta Jeevrashi. An infinite number of salvated beings. अनंतानंत, द्रव्य गणना कीअपेक्षा जिसकी सहनानी ‘3’ है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्त जीवराशि –Mukta Jeevrashi. An infinite number of salvated beings. अनंतानंत, द्रव्य गणना कीअपेक्षा जिसकी सहनानी ‘3’ है”
इंद्रियज सुख Sensual pleasure. इन्द्रियों के द्वारा उनके विषय भोगने को इन्द्रियज सुख कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयमोपकरण – Sanyamopakarana. Restraint indicating article (Pichchhi) possessed by Digambar jaina saint. It is made by peacock- feathers which are turned down naturally while dancing of peacock. जैन साधु के योग्य संयम का पालन करने में सहायक पिच्छिका को संयमोपकरण कहते हैं ” यह प्राकर्तिक रूप से गिरे हुए मोर के पंखों से बनायी…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैरात्रिक –Vairatrika A particular time period after midnight. पिछली रात्रि, अपररात्रि, आधी रात के बाद दो घड़ी बीत जाने पर वहाँ से लेकर दो घड़ी रात रहे तब तक के काल को वैरात्रिक कहते हैं ” साधू जन कृतिकर्मपूर्वक वैरात्रिक स्वाध्याय करते है “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्र वैक्रियिक काययोग–Mishra Vaekriyika Kayayoga. A kind of Karmic body form. उत्त्पत्ति समय से लेकर अन्तमुहूर्त पर्यत कार्मण शरीर की सहायता से वैक्रियिक शरीर की वर्गणाओद्वारा जो योग होता है”
इंद्रक Middle aboding places (Viman) of heaven & middle dwelling places (Bill) of hell. पटल इंद्रक का अर्थ अन्तर्भूमि है स्वर्गो में मध्य के विमान एंव नरकों के बिल।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव विवेक – Bhava Viveka. Wisdom for the disattachment in worldly affairs. विवेक का एक भेद; समस्त पर पदार्थों से ममत्व का त्याग करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीनंदि – Shreenandi. The disciple of Sakalchandra of Nandi group. नंदिसंघ देशीयगण में सकलचन्द्र के शिष्य तथा नयनंदि के गुरु ” आपके लिए ही पद्मनंदि ने जम्बूद्वीप पण्णति लिखी थी ” अपरनाम रामनंदि, समय- ई. 968-1023 “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यशस्वी–Yashasvi. The other name of the 9th Kulkar (ethical founder). 9वें कुलकर का अपर नाम”