शैलभद्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैलभद्र – Shailabhadra. A kind of peripatetic deity. यक्ष जाति के व्यंतर देवों का एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैलभद्र – Shailabhadra. A kind of peripatetic deity. यक्ष जाति के व्यंतर देवों का एक भेद “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वरुपाभाव – Svaruupabhaava. Absence of similarity in nature between the two of lack of the characteristic nature of a matter in the other. जो द्रव्य है वह गुण नही है वह द्रव्य नही है अर्थात् एक दूसरे मे जो उसका अभाव अर्थात् तदूप होने का अभाव है वह तद्भाव लक्षण अतद्वाव है।
देशोपशम A type of partial subsidence (related to Karmic theory). उपशम का एक भेद; सम्यक्त्व प्रकृति संबंधी देशघाती के उदय को देशोपशमना कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संदृष्टि – Sandrshti. Symbol, A chart related to any subjective description. प्रतीक चिन्ह, किसी विषय वस्तु से सम्बंधित सारिणी “
एलाचार्य A secondary rank (title) of Jaina saints (Acharyas), The other name of Acharya Kundkund. आचार्य के चतुर्विध संघ में आचार्य की आज्ञा से जो श्रेष्ठ साधु संघस्थ अन्य साधुओं को मार्गदर्शन देता है उसे एलाचार्य कहते हैं, कुन्दकुन्द आचार्य का अपरनाम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैश्रवण –Vaisravana A name for Kuber, Name of a city of southern Vijayardh mountain, Name of a mountain at the southern bank of river, Sita कुबेर का एक नाम, विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर, सीता नदी के दक्षिण तट पर वक्षार पर्वत “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावेंद्रिय – Bhavendriya. See – Bhava Imdriya. देखें – भाव इंद्रिय “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंबुद्व – Svayammbuddha. ैमस िमदसपहीजमदमक वदम ;वद जीम चंजी व िेंसअंजपवदद्धए वदम व िजीम 1008 दंउमे व िसवतक त्पेींइीकमअए छंउम व िं उंदजतं व िापदह उंींइंस ;जीम 10जी चंेज इपतजीष्े ेजंजम व िसवतक त्पेींइीकमअद्ध ॅीव ेजतमदहजीमदमक जीम उंींइंस ंइवनज श्रंपद तमसपहपवदण् जो जीव परोपदेष के बिना स्वंय ही मोक्षमार्ग को प्राप्त कर लेते है…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संमूर्च्छन जन्म – Sammoorchchhana Janma. Spontaneous birth (formation of body organs or limbs by surrounding matter). जन्म के तीन भेदों में एक भेद; तीन लोकों में सर्वत्र बिना माता-पिता के सम्बंध से सब ओर से पुद्गलों को ग्रहण करके जो शरीर की रचना हो जाती है उसे संमूर्च्छन जन्म कहते हैं ” देखें- संमूर्च्छन…
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिथ्या मत–Mithya Mata. Wrong persuasions or doctrines. एकांत पक्ष रूप अभिप्राय, मिथ्यामत363 है, क्रियावादीयो के 180, अक्रियावादियो के 84, अग्यांवादियो के 67 और वैनयिक वादियों के 32 भेद”