भवाध्दा!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवाध्दा – Bhavaddha. A measure related to a life course. भव सम्बंधी काल के प्रमाण को भवाद्धा कहते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवाध्दा – Bhavaddha. A measure related to a life course. भव सम्बंधी काल के प्रमाण को भवाद्धा कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सोमदत्त – Somadatta. Name of the 8th chief disciple of Lord Rishabhnath. Name of a particular person of Jaina History. तीर्थकर वृषभनाथ के 8 वें गणधर । एक सेठ जिन्होंने जिनदत्तसेठ से आकाशगामिनी वि़द्या को सिद्ध करने का उपाय सीखा, परन्तु अस्थिर चित्त के कारण सिद्ध न कर सके, उसको विद्युच्चर चोर ने सिद्ध…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भव्यकूट – Bhavyakuta. A type of stoop with rediant summits (in Samavasharan-assembly of Lord Arihant) समवशरण में दैदीप्यमान शिखरों से युक्त एक स्तूप एक जिसे भव्य जीव ही देख पाते हैं ” इसे अभव्य जीव नहीं देख पाते हैं क्योंकि स्तूप के प्रभाव से उनके नेत्र अंधे हो जाते हैं “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुख्यकाल–Mukhyakaal. A type of prime period of time. वर्तना लक्षण काल का प्रथम भेद; गौण काल की प्रवृत्तिइसी काल के कारण होती है”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजंगम – Bhujangama. Name of the 14th Teerthankar (Jaina – Lord ) in Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्र में स्थित १४ वें तीर्थकर का नाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परंपरा आगत:Authenticity of scriptures, approved by spiritual leaders (Acharyas). आगम की प्रमाणिकता जो आचार्य परम्परा से आगत होने के कारण जानी जाती है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भय दोष – Bhaya Dosa. A fault; paying reverence with fear. व्युत्सर्ग का एक अतिचार; सत्यभय आदि से युक्त होकर वन्दनादि करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूत्रदर्शनार्य – Sutra Darshanaarya. A type of noble persons. दर्शनार्य के 10 भेदो में एक भेद । मुनियों के दीक्षादि का वर्णन करने वाले आचारांग आदि आचार सूत्र को सुनकर जो सम्यग्दर्शन को प्राप्त होते हैं वे सूत्र दर्शनार्य है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पीठिका – Pithika. Preface, introductory part. भूमिका, प्रस्तावना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्म:Verse, Four months stay of saints at a particular place during rainy season. काव्य, साधु का एक स्थितिकल्प वर्षाकाल के चार मास पर्यंत एक स्थान पर ही रहना ।