मगर!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मगर – Magara. A crocodile; significant sign of Lord Pushpadant. एक जल चर तिर्यंच , पुष्प दंत भगवान का चिन्ह “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मगर – Magara. A crocodile; significant sign of Lord Pushpadant. एक जल चर तिर्यंच , पुष्प दंत भगवान का चिन्ह “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तभंगी – Saptabhamgii. The theory of seven fold predication consisting in various way of affirmation and negation regarding any substance. प्रश्न के अनुसार एक ही वस्तु मे जो बिना किसी विरोघ के सत् असत् आदि धर्मों का कथन किया जाता है। उसे सप्तभंगी कहते है। इसी का दूसरा नाम स्याद्वाद्व शैली कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धि – Shuddhi. Purity (reg. matter, region, time, food etc), repentance. द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव भोजनादि रूप अनेक प्रकार की शुद्धि, दोष होने पर प्रायश्चित लेकर विशुद्धि करना शुद्धि कहलाती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सन्मतिसागर (आचार्य) – Sanmatisaagara (Aacaarya). Name of the chief disciple of Acharya Mahavirkirti of Ankikar tradition. आचार्य श्री आदिसागर अंमलीकर की परम्परा मे हुए आचार्य श्री महावीरकीर्ति महाराज जी के पट्टाचार्य ग्समय ई. 20 वीं शताब्दी)।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदिघोषा – Namdiguru Name of the writer of ‘Prayashchitta Samuchchaya Tika’ etc. नंदीश्वर द्वीप की पूर्व दिशा में स्थित एक वापी, रुचक पर्वत वासिनी दिक्कुमारी देवी ”
गुरु उपास्ति Veneration for spiritual teachers. आचार्य आदि वीतरागी गुरूओं की पूजा करना तथा उनकी सेवा में सदा तत्पर रहना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] A viewpoint of knowing the things with poly ends (Right perceptions). सम्यग्द्रष्टि; वस्तु स्वभाव को विवक्षानुसार या अनेक नयों से जानने वाला “
गोम्मटसार A book written by Acharya Nemichandra Siddhant Chakravarti. चामुंडराय की प्रेरणा से आचार्य नेमीचन्द्र सिद्धांत चक्रवर्ती (ई.श. ११ पूर्वार्द्ध)द्वारा रचित एक सिद्धांत ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंदार सिद्धार्थ वृक्ष: Name of a tree with the idols of Lord Siddha found in the 6th land of Samavasaran-holy assembly of Jaina-Lord. तीर्थंकरों के समवसरण की छठी भूमि के चार सिद्धार्थ वृक्षों – नमेरु, मंदार, संतानक एवं पारिजात में से एक, जिसके मूल भाग में सिद्धों की प्रतिमाएँ विराजमान रहती हैं ”…