कामदेव-!
कामदेव- चैबीस तीर्थंकरो के समयो में अनुपम आकृति के धारक वे बाहुबलि प्रमुख 24 कामदेव होते है। इनकी उत्पत्ति चतुर्थ काल (दुषमा-सुषमा) काल में दी होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
कामदेव- चैबीस तीर्थंकरो के समयो में अनुपम आकृति के धारक वे बाहुबलि प्रमुख 24 कामदेव होते है। इनकी उत्पत्ति चतुर्थ काल (दुषमा-सुषमा) काल में दी होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संघातन कृति – Sanghaatana Kriti. Assimilation of molecules of body. पांचो शरीरों में से विवक्षित शरीर के परमाणुओं का निर्जरा के बिना जो संचय होता है उसे संघातन कृति कहते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बाधारहित- सुख; दु:ख तकलीफ आदि का न होना। रुकावअ से रहित होना। Badharahita- Obstacle free, free from hinderences
अयोग A time unit. आत्मा के प्रदेशों का सकंप न होना-कर्म-नोकर्म आकर्षण के लिए जीव कीय ओग्य शक्ति का न चलना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दिगंतर गति Unnatural movement of soul. जीव की विभाव गति अर्थात् कर्म वश नीचे, तिरछे, और ऊपर गति करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उपलब्धिसमा जाति Parity per attainments . वादी द्वारा कहे जा चुके कारण के अभाव होने पर भी साध्य धर्म का उपलब्ध हो जाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावि भूत उपचार – Bhavi Bhuta Upachar. Wrong implication of something in past time which is going to occure in future. भविष्य में होने वाले कार्य का भूत में आरोप करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बादर- स्थूल, स्कन्ध, एक प्रकार का नाम कर्म। Badara- Gross, A type of Karma
उपभोगान्तराय कर्मप्रकृति Obstructive karmas of enjoyment. अंतराय कर्म का एक भेद जो उपभोग पदार्थों के उपयोग में बाधा डाले।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रश्नोत्तर श्रावकाचार- आचार्य सकलकीर्ति (र्इ. 1406- 1442) द्वारा रचित एक ग्रंथ। Prasnottara Sravakcakara- A book written by acharya Sakalkirti