परपरिवाद कथा!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परपरिवाद कथा:Condemnatory talk.25 विकथाओं में एक कथा दूसरे की निंदा आदि करना ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परपरिवाद कथा:Condemnatory talk.25 विकथाओं में एक कथा दूसरे की निंदा आदि करना ।
तिरोभाव Concealment, Disappearance (by divine power). दैविक शक्ति अदृष्य हो जाना, शून्य हो जाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाहा – Svaahaa. An exclamation used in the worshipping of God. पूजा, मंत्र, हवन आदि मे प्रयुक्त होने वाला शांतिवाचक एक विषेष शब्द।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परघात नामकर्म प्रकृति:A Karmc nature whicdh causes formation of destructive means like poision etc. in the body. पर जीवों के घात को परघात कहते है। जिस कर्म के उदय से शरीर में पर को घात करने के कारणभूत पुदगल निष्पन्न होते हैं, वह परघात नामकर्म प्रकृति है।
तार The 3rd Patal (layer) of the 4th hell. चतुर्थ नरक का तृतीय पटल। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वानुभूति – Svaanubhuuti. Self realization or intuition. आत्मानुभूति। आत्मा का अनुभव या ज्ञान जो सम्यक्त्व स्वरुप है।
तर्क विरूद्ध Opposition against absolute facts of scriptures (related to Jain philosophy). आगम प्रामाणिकताओं में विरोध मानना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साकार स्थापना – Saakaara Sthaapanaa. If the representative and the represented are similar in fiqure, then such installation are called Sakar Sthapana. तदाकार स्थापना निक्षेप, पाषाण या धातु की बनी हुई तदाकार प्रतिबिम्ब मे जिनेन्द्र भगवान की या इन्द्र की स्थापना करना तदाकार स्थापना है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांख्यदर्शन – Saankhyadarshana. Name of a philiosophy, its founder was Mahrshi Kapil. एक एकांत दर्षन इसके मूूल प्रयोग महर्षि कपिल थे। इस दर्षन के मूल पदार्थ दो है- पुरुष व प्रकृति। पुरुष चेतन तत्तव है और प्रकृति जड़ है।