ग्लानि!
ग्लानि Aversion, Langour. घृणा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम अवगाहना – Madhyama Avagahana. A kind of occupancy. अवगाहना के तीन भेदों में एक भेद “
आतपन Fourth layer (Patal) of the third hell. तीसरे नरक का चैथा पटल।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चाँदखेड़ी(तीर्थ) Name of a Digambar Jain Atishay Kshetra in Jhalavad Dist. (Raj.) at the bank of river Rupli. The micraculous idol of Lord Rishabhdev is installed here. राजस्थान के झालावाड़ जिले में रूपाली नदी के तट पर अवस्थित एक दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र . यहाँ पर भगवान ऋषभदेव की चमत्कारिक प्रतिमा विराजमान है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मधुकैटभ- Madhukaitabha. Name of the 4th Pratinarayan. चतुर्थ प्रतिनारायण का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्धिसार – आचर्य नेमेचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती द्वारा रचित मोहनीय कर्म के उपषम विशयक 391 गाथा प्रमाण प्राकृत गाथाबद्ध ग्रंथ। Labdhisara-Name of a great jaina scripture written by Acharya Nemichandra Siddhant Chakrvarti
चक्रलाभक्रिया An auspicious act of getting precious jewels due to spiritual merits ‘Punya’. गर्भान्वय की एक क्रिया ; पुण्य के प्रताप से नवनिधि व चक्ररत्न की प्राप्ति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मत्सर – Matsara. Jealousy, Envy. ईर्ष्या, ज्ञानावरण व दर्शनावरण का कारण “
गोम्मटेश्र्वर The statue of Lord Bahubali situated at Shravanbelgola. दक्षिणी भारत के श्रवणबेलगोला में चामुंडराय(गोम्मत) द्वारा स्थापित ५७ फुट उत्तुनंग भगवन बाहुबली की प्रतिमा का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मणिकांचन योग – Manikaanchan Yoga. Mutual glorificatory association. जिस प्रकार मणि युक्त स्वर्ण अंगूठी में मणि से स्वर्ण की शोभा बढ़तीं है एवं स्वर्ण से मणि की शोभा बढ़तीं है उसी प्रकार परस्पर में एक-दूसरे की शोभा के वृधिगंत होने से मणिकांचन योग कहलाता हैं “