प्रक्षेपक!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रक्षेपक – Praksepaka. Projector; one who throws, A quantity related with Jainology. फेंकने या ऊछालने वाला, जघन्य पर्याय में जीवराशि अनंत का भाग देने पर जो राशि आये वह प्रक्षेपक है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रक्षेपक – Praksepaka. Projector; one who throws, A quantity related with Jainology. फेंकने या ऊछालने वाला, जघन्य पर्याय में जीवराशि अनंत का भाग देने पर जो राशि आये वह प्रक्षेपक है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावपुण्य – Bhava Punya. Auspicious thought- activity of soul. दान, पूजा षडावश्यकादि रूप जीव के शुभ परिणाम भावपुण्य हैं “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यंत्र– Yantra. Auspicious mystical diagrams or verses, Machine. कुछविशिष्ट प्रकार के अक्षर, शब्द या मन्त्र जो विभिन्न रेखाक्रतियां बनाकर उसमे चित्रित किये जाते है” पूजा, प्रतिष्ठा, विधान आदि में इनका प्रयोग किया जाता है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परगण चर्या:To join other group of saints by a saint after leaving own group. साधु आदि द्वारा अपना संघ छोडकर अन्य संघ में जाना ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवाध्दा – Bhavaddha. A measure related to a life course. भव सम्बंधी काल के प्रमाण को भवाद्धा कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाहिनी – Vaahinii.: A part of an army containing 81 chariots, 81 elephants 405 horses, 405 Pyade(foot – soldier). सेना का एक अंग,तीन गुल्म सेना का एक दल “इसमें 81 रथ ,81हाथी ,405 प्यादे तथा 405 घोड़े रहते है “
एकरात्रिप्रतिमा (योग) One night representation (an austerity in cremation ground). तीन उपवास करने के बाद चैथी रात्रि में शमशान में विधिवत् कायोत्सर्ग करते हुए सूर्योदय होने तक वहीं पर स्थित रहना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुख्यकाल–Mukhyakaal. A type of prime period of time. वर्तना लक्षण काल का प्रथम भेद; गौण काल की प्रवृत्तिइसी काल के कारण होती है”