बीज गणित!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बीज गणित – Bija Ganita. Algebra, a branch of mathematics. गणित का वह भेद जिसमें अक्षरों को संख्या का घोतक मानकर अज्ञात संख्याएं आदि जानी जाती हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बीज गणित – Bija Ganita. Algebra, a branch of mathematics. गणित का वह भेद जिसमें अक्षरों को संख्या का घोतक मानकर अज्ञात संख्याएं आदि जानी जाती हैं “
एकल विहारी समाचारी One who makes conduct of solitary walking. वह साधु (जिनकल्पी साधु) जो एकल विहार का आचरण करता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकविध अवग्रह Single way apprehension. एक प्रकार के अथवा एक जाति के, एक या अनेक पदार्थों को जानना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूपाल – Bhupala. Name of a king of Bharat Ksgetra (region). सुभौम चक्रवर्ती के तीसरे पूर्वभव का जीव जिसने युध्द में मानभंग होने से दीक्षा लेकर चक्रवर्ती पद का निदान किया था “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विवाह क्रिया – Vivaha Kriya. An auspicious activity- marriage according to tradition. गर्भान्वय की ५३ क्रियाओं में १७ वीं क्रिया; सिध्द पूजन व तीन अप्रिय की विधिपूर्वक पूजन करते हुए, अगिन प्रदक्षिणा देते हुए परिवार व समाज की साक्षी में सजाति कुलीन कन्या का पाणिग्रहण करना “
उदकावास Name of a mountain & a protecting deity of Mahashankh mountain in Lavan ocean. उदय का आगे अभाव जिस गुणस्थान में जितनी प्रकृतियों की उदय व्युच्छित्ति हो उनका उदय उसी गुणस्थान तक है आगे नहीं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव निक्षेप – Bhava Niksepa. Appropriate establishment of meaning for something. निक्षेप का एक भेद; वर्तमान पर्याय से युक्त द्रव्य ” जैसे- सेवा करने वाले को सेवक कहना “
उपशम सम्यक्त्त्व Subsidential right belief, Subsidential serenity .दर्शन मोहनीय कर्म के उपशम से आत्मा में जो निर्मल श्रद्धान उत्पन्न होता है उसे उपशम सम्यक्त्त्व कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अप्रतिक्रमण – Bhava Apratikramana. To have attachment with the past passionate volitions. अतीत काल में हुए रागादि भाव को वर्तमान में अच्छा जानना, उनका संस्कार एंव उनके प्रति ममत्व भाव रहना “
इंद्रध्वज A type of worshipping to be performed by Indras. पूजा के पाँच (नित्यमह आष्टान्हिक इन्द्रध्वज कल्पद्रुम सर्वतोभद्र) भेदों में से एक भेद जो इन्द्रों द्वारा मध्यलोक के 458 मंदिरों पर ध्वजा चढ़ाकर की जाती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]