निर्लेपन!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्लेपन – Nirlepana. State of absolute completation (reg. food, body, senses etc.) आहार, शरीर, इंद्रिय और श्वासोच्छ्वास अपर्याप्तियों की निवृति (धवला पु. 14) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्लेपन – Nirlepana. State of absolute completation (reg. food, body, senses etc.) आहार, शरीर, इंद्रिय और श्वासोच्छ्वास अपर्याप्तियों की निवृति (धवला पु. 14) “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == स्वाध्याय : == पूजादिषु निरपेक्ष:, जिनशास्त्रं य: पठति भक्त्या। कर्ममलशोधनार्थं, श्रुतलाभ: सुखकर: तस्य।। —समणसुत्त : ४७६ आदर—सत्कार की अपेक्षा से रहित होकर जो कर्मरूपी मल को धोने के लिए भक्तिपूर्वक जिनशास्त्रों को पढ़ता है, उसका श्रुत—लाभ स्व—पर सुखकारी होता है।
उत्प्रेक्षा A figure of speech, Comparison, Illustration. एक अर्थालंकार इसमें भेदज्ञानपूर्वक उपमेय में उपमान की प्रतीति होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आहारक चतुष्क Quartet assimilation pertaining to Aharak Sharir. आहारक शरीर, आहारक अंगोंपांग, बंधन, संघात।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्धूतमोह – Nirdhootamoha. Destroyer of delusion. mohmommoमोह को जिन्होंने नष्ट कर दिया है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राक्षस वंष – पिद्याधरो का एक वंष, ये न देव होते हे न राक्षस। राक्षस नामक द्वीप के रक्षक होने से राक्षस कहलाये। Raksasa vansa-Name of a dynasty
देवदारू Tree-Cedar, the initiation tree of Lord Parshvanath. पाश्र्वनाथ भगवान के दीक्षा वृक्ष का नाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य पारिषद – Bahaya Parisada. A type of deities in the council of Indris’. देवो का एक प्रकार; जो अत्यंत स्थूल, निष्ठुर, क्रोधी और शस्त्रों से सहित रहते हैं ” वे इंद्र कि सभा में अयोग्य लोगो को ‘दूर हटो ‘ इस तरह बोलकर अपना दायित्व निभाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगसम्मह क्रिया – गर्भान्वय की 53 क्रियाओ में एक क्रिया, इसमे योगी तपोयोग को धारण कर षुक्ल ध्यान के द्वारा केवलज्ञान प्रकट करता है। Yoga sammaha Kriya-A type of auspicious activity (revelation of omniscience by a saint)