त्रिवर्ग महेन्द्र- मातलि जल्प!
त्रिवर्ग महेन्द्र- मातलि जल्प A book written by Acharya Somdeva. आचार्य सोमदेव (ई.943-968) कृत एक न्याय ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिवर्ग महेन्द्र- मातलि जल्प A book written by Acharya Somdeva. आचार्य सोमदेव (ई.943-968) कृत एक न्याय ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्वेत – Shveta. The initiation & omniscience forest of Lord Mallinath. तीर्थंकर मल्लिनाथ का दीक्षा एवं केवलज्ञान वन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंध उत्सरण -बंध का उत्कर्षण (बढ़ना) होना । BandhaUtsarana- Bond progression.
देहप्रमाणत्व शक्ति Ultimate power of a body (reg. occupancy). अतीत अनन्तर (अन्तिम) शरीरानुसार अवगाह परिणामरूप देहप्रमाणपना होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रेणीचारण ऋद्धि – Shreneechaarana Riddhi. A type of super natural power related to the careful walking over smoke, fire etc. एक चारण ऋद्धि जिसके प्रभाव से धूम, अग्नि पर्वत और वृक्ष के तन्तु समूह पर से ऊपर चढ़ने की शक्ति प्राप्त होती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवत्सर – Sanvatsara. Subtitle of different eras. जैनागम में मुख्यतः 4 संवतों का प्रयोग पाया जाता हैं; वीर निर्वाण संवत, विक्रम संवत, ईसवी संवत, शक संवत ” वीर निर्वाण से विक्रम संवत में ४७० वर्ष , ईसवी संवत में ५२७ वर्ष एवं शक संवत में ६०५ वर्ष का अंतर आता हैं ” इसी प्रकार…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतपंचमी क्रिया – Shrutapanchmee Kriyaa. A religious devotional procedure of eulogy. ज्येष्ठ शु. 5 को श्रुतपंचमी कहते हैं ” इस दिन सभी साधु बृहत् सिद्ध भक्ति और बृहत् श्रुत भक्ति पढ़कर श्रुतस्कंध की स्थापना करके श्री इंद्रनंदि आचार्य विरचित श्रुतावतार का उपदेश देने के अनन्तर बृहत् श्रुत भक्ति व बृहत् आचार्य भक्ति पढ़कर स्वाध्याय…
देशोपशम A type of partial subsidence (related to Karmic theory). उपशम का एक भेद; सम्यक्त्व प्रकृति संबंधी देशघाती के उदय को देशोपशमना कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आनंदबोध Name of a writer of ‘Nyay Makarand’ & ‘Nyay Deepavali’ treatises. ई.श. 11-12 के एक साहित्य प्रवर्तक जिन्होंने न्याय मकरन्द और न्याय दीपावली की रचना की।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैश्रवण –Vaisravana A name for Kuber, Name of a city of southern Vijayardh mountain, Name of a mountain at the southern bank of river, Sita कुबेर का एक नाम, विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर, सीता नदी के दक्षिण तट पर वक्षार पर्वत “