आप्तता!
आप्तता Spiritual stage of Lord-Arihant. घातिया कर्मों के नाश से उत्पन्न अर्हंत अवस्था।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आप्तता Spiritual stage of Lord-Arihant. घातिया कर्मों के नाश से उत्पन्न अर्हंत अवस्था।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीपुर पार्श्वनाथस्तोत्र – Shreepura Parshvanaathastotra. An eulogical religious hymn of Lord Parshvanath. संस्कृत भाषाबद्ध अंतरिक्ष पार्श्वनाथ स्तोत्र विषयक रचना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयोगाधिकरण – Sanyogaadhikarana. A type of Ajivadhikaran-non-living substratum related to mixing of substances. अजीवाधिकरण का एक भेद ” इसके भी उपकरण संयोग और भक्तपान संयोग दो भेद हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोहर- Manohara. Beautiful, alluring, pleasing, A type of peripatetic deities, Name of initiation – forests of Lord Padmaprabh, Shreyansnath and Vasupujya. मनकोमोहितकरनेवाला , महोरगजातिकाएकव्यंतरदेव , एकवनजहाँतीर्थंकरपदमप्रभ, श्रेयांसनाथ , वासुपूज्यनेदीक्षालीथी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीकल्प – Shreekalpa. A time unit. काल का प्रमाण ” देखें – शीर्ष प्रहेलिका “
आचाम्ल(आहार) Light food viz.rice & rice water (scum) etc. काँजी सहित केवल भात के आहार को जिसे क्षपक अधिकतर लगातार उपवास में ही लेता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == केवलज्ञान : == तह य अलोयं सव्वं तं णाणं सव्व—पच्चक्खं।। —कार्तिकेयानुप्रेक्षा : २५४ जो द्रव्य—पर्याय से युक्त संपूर्ण लोक को और संपूर्ण अलोक को (सब कुछ को) प्रकाशित एवं प्रत्यक्ष करता है, वह केवलज्ञान हुआ करता है।
इषुगति Straight motion, Bow – like motion . सरल अर्थात् धनुष से छूटे हुए बाण के समान मोड़ रहित गति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
त्यक्त दोष A fault of food taking. मुनियों के आहार का एक दोष झूठा भोजन छोडना या खाते पीते समय भोजन को नीचे गिराना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
ईसान Name of a direction ‘Disha’, Name of a heavenly mode. पूर्वोत्तर कोण वाली विदिशा (एक दिशा का नाम) कल्पवासी स्वर्गों का दूसरा कल्प।[[श्रेणी:शब्दकोष]]