उदयदेव!
उदयदेव Name of an Acharya. वादीभसिंह की उपाधि से अलंकृत एक दगिम्बर आचार्य (ई.770-860)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उदयदेव Name of an Acharya. वादीभसिंह की उपाधि से अलंकृत एक दगिम्बर आचार्य (ई.770-860)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवचनी- श्रुतज्ञान का पर्यावाची नाम, जिसमें प्रकृश्ट वचन होते हैं वह प्रवचनी है। Pravacani- Another name of Shrutgyan, scriptural knowledge
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रलंब- एक ग्रह का नाम, भूमि में प्रविश्ट कन्दमूल, अंकुर “मूल प्रलम्ब” तथा अंकुर, कोमल पत्ते, फल औश्र कठोर पत्ते, “अग्र प्रलम्ब” कहलाते है। Pralamba- Name of a planet, all esculent tuber roots bulbous roots.
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग धर्मध्यान –VitaragaDharmadhyana. Supreme stage of religious meditation (Dharmadyan) to the knowledge of supreme soul. धर्मध्यान की उत्क्रष्ट स्थिति – सातवें से दसवें गुणस्थान में होने वाली ध्यान अवस्था “
द्विज्ञानसिद्ध The soul who gets salvation by two types of super knowledges (in accordance with Bhutpragyapan Naya). भूतप्रज्ञापन नय की अपेक्षा दो ज्ञान से सिद्ध होने वाले जीव।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रथमकोट- समवषरण में स्थित धूलिषाल नामक प्रथमकोट। prathamakota – a creation in the samavsharan – assembly lord
द्वादशंग Twelve parts of scriptural knowledge. श्रुत के 12 अंग ; द्रव्यश्रुत रूप की रचना गणधर करते हैं इसे ही जिनवाणी कहते है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाणाभास- मिथ्याज्ञान; इसके संषय, विपरीत, अनध्यवसाय तीन भेद हैं। Pramanabhasa- Pseudo- organ of knowledge
आलेख्याकार Painting with realness. चित्रकारी-केवलज्ञान में चित्रपट के समान तीनों काल की वस्तुएं चित्र के समान (आलेख्याकार) साक्षात भाषित होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]