सभाभवन!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सभाभवन – Sabhaabhavana. Assembly hall, Auditorium. कक्ष जिसमे सभा आयोजित की जाती है, व्यंतर आदि देवो के चैत्यालयो मे सभा मण्डप।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सभाभवन – Sabhaabhavana. Assembly hall, Auditorium. कक्ष जिसमे सभा आयोजित की जाती है, व्यंतर आदि देवो के चैत्यालयो मे सभा मण्डप।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यतिधर्म–Yatidharm. Observances of ascetic life. मुनिधर्म; आरम्भ परिग्रह का त्यागकर 5 महाव्रत 5 समिति 3 गुप्तियों का पालन करना”
गोचरी वृत्ति Procedure of food taking of Jaina saints. जैनसाधु की आहारचर्या को गोचरी वृत्ति कहते हैं क्क्योंकी गाय की भाँती वह दतार के प्रति निस्पृह रहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] याचनी भाशा – अनुभय भाशा का एक भेद, इस तरह के प्रार्थना पूर्ण वचनों को कहना। Yacani Bhasa- Requesting language (pertaining to some material)
घाट Name of the 5th Indrak or Patal (layer) of Sharkara Prabha earth, Bank of a river. शर्कराप्रबाह पृथिवी के ५वें इन्द्रक का पटल का नाम , नदी का किनारा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिसारी ऋद्धि- pratisari Rddhi A type of super natural power (reg. cognition of knowledge) ऋद्धि; जिसके प्रभाव से गुरु के उपदेष से आदि, मध्य अथवा अन्त में एक बीजपद को ग्रहण करके अधस्तन ग्रन्थ को जानना।
गुप्तसंघ Name of a saint group (traditional). मूलसंघ के विघटन के पश्चात् अनेक अवांतर संघों में से एक संघ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्त भय – Sapta Bhaya. Seven particular kinds of fear. इह लोक भय, परलोक भय, वेदना भय, मरण भय, अरक्षा भय, अगुप्ति भय, अकस्मात् भय। ये सात भय है जो सम्यग्दृष्टि को नही होते है।
दिवाकरनंदि Disciple of Chandrakirti and spiritual teacher of Shubhchandra. ई. 1068-1098 में चन्द्रकीर्ति के शिष्य तथा शुभचन्द्र के गुरू थे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्त ऋषि पूजा – Sapta Risi Poojaa. A reverential worshipping book written by Manaranglal. मनरंगलाल (ई. सं. 1850-1890) द्वारा रचित पूजा।