छिन्नगति!
छिन्नगति A type of motion (reg. pervaded sound wave). गति का एक भेद ; मृदंग मेरी शंखादि के शब्द जो दूर तक जात्ये हैं , वे पुद्गलों की छिन्नगति हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
छिन्नगति A type of motion (reg. pervaded sound wave). गति का एक भेद ; मृदंग मेरी शंखादि के शब्द जो दूर तक जात्ये हैं , वे पुद्गलों की छिन्नगति हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वविद्याविराजिता – Sarvavidhyaaviraajitaa. See- Sarvavidyaaprakashinee. देखे – सर्वविद्याप्रकर्षिणी ।
चौइंद्रिय Four sensesd beings (reg. tasting, touching, smelling, seeing). स्पर्श , रसना , घ्राण , चक्षु इन्द्रिय वाले जीव चौइंद्रिय कहलाते हैं . कर्णइन्द्रिय , मन को छोड़कर इनके ८ प्राण होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वदोष त्याग – Sarvadosa Tyaaga. A great vow, complete renunciation of all 5 sins (violence, stealing etc.). महाव्रत। हिंसादि 5 पापों का पूर्णतः त्याग करना, इसका पालन मुनि करते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजवलिकथे – ई 1839 में रचित कथानंुयोग विशयक या कन्नड कृति। Rajavalikathe-name of a kannad book
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्पगुप्त – Sarvagupta. The spiritual teacher or Acharya Shivkoti name of the 26th chief disciple of Lord Rishbhdev, Name of the spiritual teacher of Acharya Mitranandi and an omniscient saint. भगवान आराधना के रचयिता आचार्य शिवकोटी के गुरु थे। समय ई.श. 1 का पूर्वपाद, भगवान वृषभदेव के 26 वें गणधर। आचार्य मित्रनंदि के गुरु।…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रवीन्द्र कुमार बह्यचारी – गणिनिप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के एक प्रमुख षिश्य जम्बद्वीप रचना हस्तिनापुर के प्रमुख स्तम्भ।सन् 1972 में आजन्म ब्रहमचार्य व्रत लेकर क्रमष घर्मक्षेत्र में अथक परिश्रम करके माताजी की प्रेरणा से जम्बुद्वीप हस्तिनापर, तपस्थली प्रयाग, कुण्डलपुर, मांतुगा, अयाध्या एवं अनेक तीर्थ क्षेत्रो का विकास करते हुए जैन धर्म की संस्क्ति का…
चित्रप्रभा A Patal (layer) of Saudharma heaven. सौधर्म स्वर्ग का एक पटल ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सराग सम्यग्दर्शन – Saraaga Samyagdarshana. Right perception with auspicious attachments. प्रशम, संवेग, अनुकम्पा और आस्तिक्य आदि गुणेां की अभिव्यक्ति लक्षणवाला सराग सम्यग्दर्षन है। प्रश्न (षुभ) राग सहित जीवो का सम्यत्तव सराग सम्यग्दर्शन हैं।
आमंत्रणी Inviting language. आठ प्रकार के अनुभयवचन में पहली भाषा-बुलवाने वाले वचन।[[श्रेणी:शब्दकोष]]