दर्शनक्रिया!
दर्शनक्रिया Watching beauty with lust or passion, an activity of householder. श्रावक की 25 क्रियाओं में एक, रागवश रागी का रमणीय रूप को देखना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शनक्रिया Watching beauty with lust or passion, an activity of householder. श्रावक की 25 क्रियाओं में एक, रागवश रागी का रमणीय रूप को देखना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्रव्यवाद A doctrine of Sankhya philosophy. एक सांख्यदर्शन। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेश्या –Vesya Prostitute, immoral woman. गणिका, बाजारू या व्यभिचारिणी स्त्री “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिर भाव – Sthira Bhaava. Stable emotions or temperaments, stability of mental state.चित्त को निश्चल रखना अर्थात् आत्मस्थिरता या समता भाव, सामायिक।
द्रव्य पूजा Physical worship (with 8 reverential materials). पंच परमेष्ठी के सम्मुख भक्ति भाव से जल, चंदन, अक्षत, पुष्य , नैवेद्य, दीप, , धूप व फल रूप श्रेष्ठ अष्ट द्रव्य समर्पित करना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुरजमध्य व्रत–Murajamadhya Vrat. A particular type of vow or fasting. क्रमशः 5,4,3,2,2,3,4,5 इस प्रकार के 28 उपवास करना बीच के सभी खली स्थानों में एक–एक करके 8 पारणाए करना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति क्षय -Sthitiksaya. Destruction of Karmic statesकर्मों की स्थिति का धात होना।
द्रव्य नय Physical standpoint. जो दृष्टि या अपेक्षा ‘द्रव्य सामान्य’ को ग्रहण करे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चैत्यद्रुम A type of divinely trees having idols of Lord Arihant in Samavasaran. चैत्यवृक्ष , जो समवशरण एवं देवों के भवन के अकृत्रिम मंदिरों में होते हैं , इनके मूलभाग में जिनप्रतिमाएं विराजमान रहती हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थानांग – Sthaanaamga. A part of scriptural knowledge (Dvadshang shrut).द्वादषंग श्रुत स्कंध का तीसरा अंग। इसमे 42000 पदो मे जीव के 10 स्थानो का वर्णन है।