आस्रव!
आस्रव Influx, Inflow of karmas. सात तत्वों में तीसरा तत्व , कर्मों के आगमन को आस्रव कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आस्रव Influx, Inflow of karmas. सात तत्वों में तीसरा तत्व , कर्मों के आगमन को आस्रव कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
द्वैताद्वैतवाद Name of a Vedant philosophy (Nimbak). निम्बक वेदांत (ई.12) में निम्बार्काचार्य ने इसकी स्थापना की , वेदांत पारिजात, सौरभ व सिद्धांतरत्न इसके प्रमुख ग्रंथ हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्विस्थानीय A type of actual fruition of Karmic matters. अनुभाग बंध अप्रशस्त प्रकृतियों की अपेक्षा लता दारू रूप अथवा नीमकांजीर रूप तथा प्रशस्त प्रकृतियों की अपेक्षा गुड़ खाण्ड रूप बंध।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीधर्म – Shreedharma. Past-birth soul of Lord Munisuvrata. तीर्थंकर मुनिसुव्रत के पूर्व भव का जीव “
उग्रोग्रतप A type of supernatural power (of fasting with mental control in increasing order). उग्र तप ऋदि का एक भेद-जीवन पर्यंत तीन गुप्ति रक्षित होकर एक-एक दिन अधिक वृद्धि के साथ उपवास करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रावकाचार सारोद्धार – Shraavakaachaara Saaroddhaara. Name of a book written in Sanskrit language. संस्कृत भाषाबद्ध एक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवृत्त – Sanvrtta. Covered, Concealed, Hidden, A type of female genital organ. जो ढका हुआ हो उसे संवृत्त कहते हैं ” या ऐसा स्थान जो देखने में न आये, योनि का एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संश्लेष बंध – Sanshlesa Bandha. Something combined or synthesised. जो परस्पर संश्लेष को प्राप्त हुए काष्ठ और लाख का बंध होता है वह संश्लेष बंध है “
त्रि मकार Wine, meat, honey (the three inedible things). मदिरा, मास, मधु। तीन न खाने योग्य पदार्थ जिनका प्रारंभ ‘म’ शब्द से है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमोचितावास – Vimochitavasa. A reflection of vow of non-stealing (staying of a saint in a deserted place). अचौर्यव्रत की एक भावना; दूसरे के द्वारा छोड़े हुए स्थानों में साधु का ठहरना “