द्विचरम देही!
द्विचरम देही Deities having two human births (last two life-courses) before getting salvation). जो देव अंतिम दो बार मनुष्य के भव लेकर निश्चित रूप से मोक्ष जाते हैं। वे द्विचरम देही कहलाते हैं।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्विचरम देही Deities having two human births (last two life-courses) before getting salvation). जो देव अंतिम दो बार मनुष्य के भव लेकर निश्चित रूप से मोक्ष जाते हैं। वे द्विचरम देही कहलाते हैं।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिरः कंप – Shirah Kampa. Blood-veins or vessels. शरीर की नालिकाकार वाहिनी, धमनी, नाडी आदि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निषधकूट – Nishadhakoota. Name of a summit of ‘Nishadha’ and Sumeru mountain. निषध पर्वत का एक कूट तथा सुमेरु पर्वत के सौमनस व नन्दनवन में स्थित एक कूट “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिक्षा – Shikshaa. Learning, education, better discrimination, rationality. हिताहित का विवेक ” शास्त्राध्ययन करना, यह शिक्षा शब्द का अर्थ है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय स्थितिकरण – Nishchaya Stithikarana. Absolute diversion towards spiritualism. काम, क्रोध, मद, लोभ आदि भावों के होने पर अपनी आत्मा को धर्म में स्थित करना “
उत्तरपुराण Name of a treatise written by Acharya Gunbhadra. आचार्य गुणभद्र (ई.898) कृत संस्कृत में अजितनाथ भगवान से महावीर भगवान तक चरित्र ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शास्त्र – Shaastra. Scriptures, Religious treatises. आगम ग्रंथ, जो परम्परा से सर्वज्ञ वीतराग आप्त का कहा हो एवं प्रत्यक्ष व परोक्ष प्रमाण से बाधा रहित हो “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय मोक्षमार्ग – Nishchaya Mokshamaarga. Absolute path of salvation . मुनियों में होने वाली निश्चय सम्यग्दर्शन, ज्ञान एवं चरित्ररूपी त्रिरत्न की एकता अर्थात शुक्लध्यान की अवस्था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शांर्ग – Shaanrga. Name of a bow of Lakshman (a Narayan), it is one of his 7 jewels. नारायण लक्ष्मण के धनुष का नाम, जो 7 रत्नों में एक रत्न था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चयचारित्र – Nishchayachaaritra. Absolute right conduct, absolute meditation. साधू जीवन में व्यवहार चारित्रके बल से अंतरंग-बहिरंग विकल्पों का त्याग कर आत्म स्वरूप में तन्मय होना “