भाव अशुध्द आहार!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अशुध्द आहार – Bhava Asuddha Ahara. A fault related to saint – food . १६ उदगम दोषों से युक्त आहार ” साधु यदि आहार संबंधी १६ उदगम दोषों में किसी प्रकार का विकल्प करता है तो वह भाव से उद्दिष्ट आहार है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अशुध्द आहार – Bhava Asuddha Ahara. A fault related to saint – food . १६ उदगम दोषों से युक्त आहार ” साधु यदि आहार संबंधी १६ उदगम दोषों में किसी प्रकार का विकल्प करता है तो वह भाव से उद्दिष्ट आहार है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृत्त विष्कंभ –VrttaViskambha Diameter, width of a ring. वृत्त का व्यास “
गुणश्रेणी निर्जरा Multiple progression dissociation. जब कर्मों की निर्जरा प्रतिसमय क्रमशः असंख्यात गुणी संख्यात हो तो इसे गुणश्रेणी निर्जरा कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदगतभंग : Differentiation of different feelings on different aspects according toer knowledge. Perception etc. क्षायोपशमिक आदि 5 भावों के ही भिन्न भिन्न ज्ञान दर्शनादि भाव केा ग्रहण कर भग करना ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैस्रसिक परिणाम –Vaisrasika Parinama. Natural changes. स्वाभविक परिवर्तन, जिसमें पुरुष प्रयत्न की आवश्यकता नहीं होती “
खंडनखंडखाद्य A book written by ‘Shri Harsh’. वेदान्त साहित्य प्रवर्तक ‘श्री हर्ष ‘द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बोधायन – Bodhayana. Name of a commentator of Vedant literature. बादरायण के ब्रम्हसूत्र पर टीका लिखने वाले एक वेदांत साहित्य प्ररर्तक “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पण्य भवन :Palace of Somdev situated in the east of Nandon etc. forests of Sumeru (mountain). सुमेरू पर्वत के नन्दनादि वनों के पूर्व में स्थित सोमदेव का भवन।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृत्तिपरिसंख्यान –Vrtti. Conduct, Behaviour, Natural tendency. बाह्य तप का एक भेद – आहार को जाते समय अनेक प्रकार की प्रतिज्ञा या आकड़ी लेना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव सामायिक – Bhava Samayika. Equanimity in pain & pleasure. सुख – दुःख में साम्यभाव धारण कर मैत्रीभाव के साथ सम्पूर्ण सावध से निर्वत्त ह्नुं, इन भावों के साथ सामायिक करना “